Bhopal में जो 601 मरीज कोरोना के वायरस का शिकार हुए हैं उनमें से अधिकांश लोग गैस की बीमारी से पीड़ित हैं. जिन जिन इलाकों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है उन सभी इलाकों में भी बड़ी संख्या में लोग गैस की समस्या से पीड़ित लोग रहते हैं. ICMR द्वारा पहले ही आशंका जताई थी कि कोरोना वायरस का उन लोगों को ज्यादा होने के आसार है जिनका श्वसन तंत्र कमजोर हो या उन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारियां हो
भोपाल: भोपाल में कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों के मामले में एक नया और अलग ही पहलू दिखाई दे रहा है. आंकड़ों द्वारा देखा जाये तो भोपाल में अब तक कोरोना संक्रमित 20 मरीजों की मौत हो चुकी है. जिनपर बताया जा रहा है जिन 20 लोगों की कोरोना से मौत हुई है और उनमें से 18 लोग गैस की बीमारी से पीड़ित थे. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया था.
यह भी बताया जा रहा है कि भोपाल (Bhopal) में जो 601 मरीज कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हुए हैं उनमें से अधिकांश लोग गैस की बीमारी से पीड़ित हैं. जिन इलाकों में कोरोना वायरस फैला हुआ है उन इलाकों में भी बड़ी संख्या में गैस की समस्या से पीड़ित लोग रहते हैं. ICMR ने पहले ही आशंका जताई थी कि कोरोना वायरस का संक्रमण उन लोगों को ज्यादा होने के आसार है जिनका श्वसन तंत्र कमजोर है या फिर उन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारियां हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भोपाल शहर में कुल 5 लाख 75 हजार गैस पीड़ित रजिस्टर्ड है. इनमें से 1 से डेढ़ लाख लोग गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित हैं. गैस पीड़ित लोगों के लिए काम करने वाले सामाजिक संगठन की कार्यकर्ता रचना ढींगरा का कहना है कि उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार को इस विषय में पत्र भी लिखा था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि जिन इलाकों में गैस पीड़ित लोग रहते हैं वहां ज्यादा एहतियात बरतने की आवश्यकता है. वहीं हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर भुवनेश्वर गर्ग का भी मानना है कि गैस पीड़ित लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा है.