Coaching Ban For Children In MP: MP में 16 साल से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग पर बैन के आदेश जारी हो गए है. अब मध्यप्रदेश में 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग क्लास में प्रवेश नहीं ले पाएंगे. केंद्र सरकार के आदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी इसका कडाई से पालन करती दिखाई दे रही है. मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने बीते दिन आदेश जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है.
Coaching Ban For Children In MP
जारी आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग पढ़ाने पर बैन लगा दिया है. इसके साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन संचालित होने वाले कोचिंग संस्थानों पर भी शिकंजा कसा है. उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश से मध्य प्रदेश में लगभग 40 हजार से अधिक कोचिंग संस्थानों पर ताले लग सकते हैं.
अब एमपी में कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर लगेगी रोक
सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं देश के हर हिस्से में अनेकों ऐसे कोचिंग संस्थान है जो बच्चों और पालकों से फीस वसूलने को लेकर मनमर्जी करते हैं. अब ऐसा नहीं हो सकेगा इस आदेश के बाद से अब कोचिंग संस्थान फीस वसूलने के मामले में बिलकुल भी मनमानी नहीं कर सकेंगे. और यदि कोचिंग संस्थान ऐसा करते पाए जाते है तो उन्हें जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है. मध्यप्रदेश सरकार अब कोचिंग संस्थानों के लिए नए सिरे से गाडलाइन जारी करेगी.
काेचिंग में पढ़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य
मध्यप्रदेश में अब यदि कोई कोचिंग क्लास देना चाहता है तो उन्हें कोचिंग देने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा जो कि अनिवार्य होगा. इससे छात्रों की सुरक्षा खतरे में डालते हुए गली-मोहल्लों में धड़ल्ले से खुलने वाले कोचिंग सेंटरों पर लगाम लगेगी. सिर्फ रजिस्ट्रेशन ही नहीं रजिस्ट्रेशन के साथ कोचिंग संस्थानों को सेंटर में आग और भूकंप जैसी आपदाओं से बचने का पूरा इंतजाम करना होगा. इसके साथ ही यदि कोचिंग देने वाला ग्रेजुएट से कम पढ़ा लिखा हो तो वह ट्यूशन नहीं दे सकेगा. पढ़ाई लिखाई के साथ किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज ना हो. छात्रों को परीक्षा में पास कराने की 100 फीसदी गारंटी जैसा कोई भी भ्रामक विज्ञापन नहीं चलेगा.
कोचिंग क्लास से बीच में कोर्स छोड़ने पर रिफंड होगी फीस
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोर्स की अवधि के दौरान नीच में किसी प्रकार की कोई फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी. और सबसे मुख्य रूप से यदि किसी छात्र के पूरा भुगतान करने के बाद वह कोर्स को बीच में छोड़ना चाहता हो तो उसे कोर्स की बची अवधि का पैसा कोचिंग संस्थान को वापस करना होगा. रिफंड में हॉस्टल और मेस फीस भी शामिल होगी.