बालाघाट: बालाघाट और मंडला में गरीबों को घटिया चावल बांटने के मामले के बाद सरकार सख्त हो गई है. बुधवार देर रात बैहर में 5 और वारासिवनी में 3 राइस मिल को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. जबकि 10 और मिलो को सील करने की प्रशासन ने कमर कस ली है. बालाघाट जिला प्रशासन ने खैर लांजी की दुर्गा राइस मिल, वारासिवनी की संचेती राइस मिल, लालबर्रा की कुमार राइस को सील कर दिया है. यह कार्यवाही देर रात हुई.
इस पर कल ही सीएम ने सख्ती दिखाई थी. जिसके बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित किया गया था. जबकि गुणवत्ता जांच के लिए मंडला में संविदा पर नियुक्त किए गए इंस्पेक्टर के खिलाफ सख्ती दिखाई गई थी. फूड इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया था. साथ ही राज्य सरकार एफसीआई की टीम के साथ गोदामों में रखे चावल के सैंपल जांच के भी आदेश दिए थे. इसको लेकर अधिकारी रात में ही इन जिलों में गोदामों और राइस मिलो के खिलाफ कार्यवाही करने निकल गए थे. साथ ही प्रेदशभर में चावलों की क्वॉलिटी जांचने के निर्देश दिए गए थे.
51 सैंपल मानक गुणवत्ता में फेल
सीएम के निर्देश के बाद अब पूरे राज्य में गोदामों में रखे चावल की जांच होगी. ये जांच FCI के साथ राज्य सरकार की टीम कर रही है. सीएम शिवराज ने साफ हिदायत दी है कि राशन, खाद में गड़बड़ी या कालाबाजारी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और जरूरत पड़ी तो आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा. आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सरकार की तरफ से गरीबों को बांटा जाने वाला चावल बेहद घटिया क्वॉलिटी का पाया गया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखा था. जिसमें बालाघाट और मंडला से लिये गए 57 सैंपल मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए थे.
51 दलों ने 1021 सैम्पल लिए
चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51 संयुक्त दल बनाए हैं. जिन्होंने दोनों जिलों से चावल के 1021 सैम्पल लिए हैं. प्रारंभिक जांच के परिणाम स्वरूप इनमें से 57 सैम्पल निर्धारित गुणवत्ता विहीन पाए गए हैं.