मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में प्याज के कम दाम मिलने की वजह से शनिवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और कलेक्ट्रेट चौक पर धरना प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं किसानों ने अपने प्याज को एक रुपए में 4 किलो प्याज बेची।
इसके साथ ही किसान गले में प्याज की माला पहन कर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि बड़ी उम्मीद से फसल का उत्पादन किया गया था, लेकिन बाजार में भाव नहीं मिलने से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उनका कहना है कि मंडी में प्याज थोक में 4 से 5 रुपये किलो है, जबकि प्याज की लागत ही 12 है। ऐसे में लागत ही नहीं निकल पा रही है।
किसानों ने 1 रुपये में बेची 4 किलो प्याज
दरअसल मध्यप्रदेश में एक समय था जब प्याज 80 से 90 रुपये किलो तक बिक गया था ।ऐसे में अब किसानों को प्याज के दाम 405 रुपये मिल रहे हैं। इसकी वजह से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है और कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया है।
किसानों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए गले में प्याज की माला पहन कर धरने पर बैठ गए और एक रुपये में 4 किलो प्याज बेच डाली। जब किसान धरना प्रदर्शन पर बैठे तो किसी ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। जैसे ही किसानों ने एक रुपये में 4 किलो प्याज बेचने की आवाज लगाई तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
किसानों की लागत भी निकल पा रही
एक तरफ आम जनता को महंगाई की मार खाती जा रही है। दूसरी तरफ किसानों की अपनी फसल के दाम अच्छे नहीं मिल पा रहे हैं। जिसकी वजह से किसान काफी परेशान है।
किसान हितेषी शिवराज सरकार एक तरफ किसानों को राहत देने की बात कर रही है। दूसरी तरफ किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में प्रदेश भर के किसान काफी परेशान हैं।
बाजार में प्याज का थोक भाव 4 से 5 रुपये प्रति किलो है जबकि प्याज की लागत 12 रुपये प्रति किलो है। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि इस तरह अपना जीवन यापन कैसे करेंगे इस रेट में प्याज की बिक्री से उन्हें क्या फायदा मिलेगा।
किसानों में समर्थन में प्याज खरीदने की मांग
किसानों का कहना है कि उन्होंने भारी लागत लगाकर प्याज की खेती की लेकिन अच्छे दाम नहीं मिलने की वजह से वहां काफी परेशान है। उन्होंने प्याज की फसल के लिए काफी खर्च भी किया है, लेकिन उन्हें अच्छा दाम नहीं मिल पा रहा है।
किसानों ने अब धरना प्रदर्शन करते हुए प्याज को समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन दिया है ।बहरहाल अब देखना यह होगा कि किसानों के द्वारा उठाई गई इस आवाज के बाद किस तरह का निर्णय लिया जाता है।