MP POLICE में उपयोग होने वाले उर्दू और फ़ारसी के 350 शब्दों को हटाया जा रहा हैं, अब होगा हिंदी शब्दों का प्रयोग

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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भोपाल: सिवनी सांसद ढाल सिंह बिसेन द्वारा 22 मार्च 2021 को लगभग 1 वर्ष पहले लोकसभा में शून्यकाल के दौरान शासकीय कामकाजी भाषा में उर्दू/फारसी के बजाय हिंदी या स्थानीय भाषा को उपयोग में लाने सदन का ध्यान आकर्षित किया गया था। 1947 से पहेल से चली आ रही इस उर्दू और फारशी भाषा के उपयोग से आम जानो को पढ़ें सुनने और समझने में बहहुत ही परेशानी का सामना करना पढता था .

सबसे ज्यादा तो पुलिस विभाग में इन उर्दू और फारशी शब्दों के उपयोग से आम जानो को बहुत ही इदिक्कत और परेशानी का सामना करना पड़ता था , पुलिस विभाग मै ऐसे अनेको शब्द है जिन्हें समझना किसी व्यक्ति के लिए अत्यधिक कठिन होता था . आपको सी खबर में अंत में उन शब्दों की डिटेल भी बताएगे.

सांसद ढालसिंह बिसेन ने जब 1 वर्ष पहले लोकसभा में इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया था तब उन्होंने बाते था की उर्दू और फारसी के शब्द आम लोगों की समझ में नहीं आते हैं। ऐसे शब्दों की जगह आम बोलचाल में प्रयोग होने वाले हिंदी या स्थानीय भाषा के शब्दों का ही इस्तेमाल होना चाहिए।

1947 से पहले अंग्रेजी शासन के दौरान पुलिस, अदालत और राजस्व विभाग में जो भी कामकाज होता था, उसमें हिंदी की बजाए उर्दू या फारसी के शब्दों की संख्या ज्यादा रहती थी। आजादी से पहले व उसके बाद वर्तमान तक खासतौर पर पुलिस व न्यायालयीन कामकाज में उर्दू/फारसी शब्दों का काफी उपयोग होता है।

MP POLICE अब उर्दू और फारसी शब्दों की जगह अब हिंदी होगी उपयोग

MP Police ने रोजाना उपयोग होने वाले शब्दों में बड़े बदलाव क्र दिए है . पुलिस विभाग में उर्दू और फ़ारसी जैसे बहुत से शब्दों का उपयोग रोजाना उपयोग होने वाली FIR हो या REPORT हो या फिर Press Confrence सभी जगह पुलिस उर्दू और फ़ारसी शब्दों का उपयोग करती थी जिससे पुलिस के अलवा बाकी लोगों की इसेसंझने में परेशानी का सामना करना होता था

मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने उर्दू और फ़ारसी की जगह हिंदी शब्दों के उपयोग के लिए आदेश भी जारी कर दिया है। MP पुलिस ने उर्दू और फ़ारसी के अभी हाल फिलहाल में 220 शब्दों को हटाने का निर्णय लिया है, और आगे और भी शब्दों में बदलाव किया जायेगा

कुछ सबध आपको उद्धरण के लिए बताते है जैसे “फरार की जगह अब भागा हुआ शब्द और नकबजनी की जगह सेंध व् जब्त की जगह कब्जे में लेना” ऐसे अनेको शब्दों का उपयोग किया जायेगा

इसके अलावे नकबजनी की जगह सेंध, जमानत की जगह प्रतिभूति, वारदात की जगह घटना, सुराग की जगह खोज और हलफनामा की जगह शपथ पत्र हिंदी शब्द का इस्तेमाल एफआईआर दर्ज करते समय या कॉपी लिखते समय इस्तेमाल होगा। इसके अलावे दस्तावेज की जगह अभिलेख, सबूत की जगह साक्ष्य, शिनाख्त की जगह पहचान शब्द का इस्तेमाल पुलिसकर्मी करेंगे।

पुलिस में रोजाना उपयोग होने वाले कुछ शब्द

  1. खारिजी- जब चालान की फाइनल रिपोर्ट में साबित होता है कि रिपोर्ट झूठी है, तो खारिजी लगाई जाती है
  2. मुचलका- बंधपत्र केवल घोषणा भी हो सकता है या प्रतिभूति सहित भी हो सकता है
  3. इस्तगासा- परिवाद पत्र को इस्तगासा कहा जाता है
  4. माल वाजयाफ्ता- माल जप्त होने को माल वाजयाफ्ता कहा जाता है.
  5. आला कत्ल- कत्ल में प्रयुक्त हथियार
  6. दौराने गश्त- गश्त के दौरान
  7. तसहुद- व्यवहार
  8. बेजा- गलत
  9. साकी नहीं- गवाह का न होना
  10. जरायम- अपराध
  11. मुनकिर- इंकार
  12. जानिब- दिशा
  13. बाइस्तवाह- प्रकाश में आया
  14. जैल- स्वस्थ

एक साल पहले सांसद ढालसिंह बिसेन ने लोकसभा में कराया था ध्यान आकर्षित

Web Title: 350 words of Urdu and Persian used in MP police are being removed, now Hindi words will be used

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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