ग्वालियर (मध्य प्रदेश): जन्माष्टमी के अवसर पर मध्य प्रदेश के ग्वालियर के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्तियों को 100 करोड़ रुपये के कीमती आभूषणों से सजाया जाएगा। इन आभूषणों में हीरे, पन्ना और माणिक से जड़े सोने के हार, मुकुट और कंगन शामिल हैं।
ग्वालियर के फूलबाग स्थित मंदिर को आज रात 12 बजे होने वाले कृष्ण जन्मोत्सव के लिए रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है। बताया गया है कि शाही सिंधिया परिवार ने मंदिर को अमूल्य आभूषण भेंट किए हैं।
आज रात जब पूरा देश जन्माष्टमी का जश्न धूमधाम से मनाने जा रहा है, तो सजावट और मिठाइयों की धूम मची हुई है। यहां भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियों को प्राचीन और कीमती आभूषणों से सजाया जाएगा। इसमें राधा के लिए पन्ना, हीरे और माणिक से जड़ा सात धागों वाला हार भी शामिल है। राधा और कृष्ण दोनों के मुकुट हीरे और पन्ने से जड़े हुए हैं। कृष्ण की बांसुरी सोने से बनी है और उसमें चमकते हीरे जड़े हुए हैं।
राधा-कृष्ण के हार में कीमती नीलम, पुखराज, पन्ना और माणिक जड़े हुए हैं। पूरा आभूषण सोने से बना है और इसमें हीरे, मोती, पन्ना, माणिक, नीलम और पुखराज जड़े हुए हैं। मंदिर में सुरक्षा के लिए 100 से अधिक जवान तैनात हैं। मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
ऐसा कहा जाता है कि गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के शासक माधवराव सिंधिया ने की थी। उन्होंने मंदिर को ये कीमती गहने भेंट किए थे। हर साल जन्माष्टमी के मौके पर मूर्तियों को इन बेहतरीन गहनों से सजाया जाता है। त्योहार के बाद, गहनों को बैंक लॉकर में वापस भेज दिया जाता है।