महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक बार फिर सैकड़ों मजदूर इकट्ठा हो गए. ये मजदूर नागपाडा के बेलासिस रोड पर जुटे थे. मजदूर चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के लिए तुरंत ट्रेन चलाई जाए. ये मजदूर बुधवार सुबह 10.30 बजे इकट्ठा हुए. इन्हें हटाने के लिए मुंबई पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया. हालांकि, ये मजदूर आश्वासन मिलने के बाद भी वहां से हटने को तैयार नहीं थे.
बता दें कि अप्रैल महीने में मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भी प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उन्हें हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों के जुटने के एक दिन बाद ही दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास यमुना नदी के किनारे भी कई मजदूर इकट्ठा हो गए थे.
वहीं, रविवार को ही आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने चेन्नई और श्रीकालाहस्ती को जोड़ने वाले हाईवे को जाम कर दिया था. मजदूरों का कहना है कि उन्हें गृह राज्य भेज दिया जाए. 1500 से ज्यादा संख्या में जुटे मजदूरों ने कहा कि बंद पड़ीं फैक्ट्रियां किसी को भी कपड़े और खाना नहीं उपलब्ध करा रही हैं.
देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है. कंपनियां बंद होने के कारण कई मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. खाने और पैसे की कमी के कारण वे अपने घर जाना ही बेहतर ही समझ रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि वे कोरोना से पहले भूख से मर जाएंगे. मजदूरों का पलायन आज भी जारी है. हालांकि सरकार की तरफ से उनके लिए श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही है, लेकिन इसके बावजूद आज भी कई मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं.