नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने चीन को एक और झटका दे दिया है. महाराष्ट्र सरकार ने चीन की दो कंपनियों के साथ मोनो रेल से जुड़े 500 करोड़ के टेंडर को रद्द कर दिया है. इससे पहले भी महाराष्ट्र सरकार पांच चीनी कंपनियों के साथ 5500 करोड़ के अग्रीमेंट पर रोक लगा चुकी है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार चीन से संबंध सुधरने पर लचीला रूख अपनाने की बात भी कह रही है.
महाराष्ट्र सरकार ने चीन की दो कंपनियों बिल्ड योर ड्रीम और चाइनीज रेल रोड कॉर्पोरेशन के साथ मोनो रेल से जुड़ी डील रद्द कर दी है. इन दोनों ही कंपनियों ने मोनोरेल के पार्ट्स मैनुफैक्चरिंग से जुडे टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया था. बिडिंग में ये दो ही कंपनी थीं जिन्हें 500 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिलना था. चीन के साथ बिगड़े संबंधों के बाद राज्य सरकार ने ये डील कैंसल कर दी है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि चीन हमारे साथ जो बर्ताव कर रहा है ऐसे में हमने उसके खिलाफ कदम उठाया है. सभी को चीनी सामान का बहिष्कार करना चाहिए.
महाराष्ट्र सरकर ने पिछले दिनों चीन के अलावा अमेरिका, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर की कंपनियों के साथ कुल 16 हजार करोड़ रुपये लागत के 12 अग्रीमेंट किए थे. इनमें से 5 हजार करोड़ के 3 अग्रीमेंट चीन की 3 कंपनियों के साथ किए थे जिनपर ठाकरे सरकार पहले ही रोक लगा चुकी है.
महाराष्ट्र सरकार ने जिन चीनी कंपनियों पर शिकंजा कसा है उनमें हेंगली (चीन) इंजीनिअरिंग, एमआय इलेक्ट्रो मोबिलिटी सोल्यूशन, जेवी विथ फोटोन (चीन) ऑटो, और ग्रेट वॉल मोटर्स (चीन) ऑटोमोबाइल तलेगांव– पुणे शामिल हैं.
जानकार सरकार के कदम के साथ ही देश की बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों से भी चीन की आर्थिक कमर तोड़ने की अपील कर रहे हैं. वहीं राज्य सरकार चीन से संबंध सुधरने पर थोड़ा लचीचा रूख अपनाने की बात भी कह रही है.
पूर्व सेना अफसर ब्रिगेडियर हेमंत महाजन का कहना है कि चीन आर्थिक मजबूती के साथ ही सैन्य बल जुटा रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनियों से अनुबंध तोड़कर सही कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि कार्पोरेट जगत को भी चीन का बहिष्कार करना चाहिए.