कभी ढाबे पर बर्तन धोकर लोगों के शोषण से थी परेशान: आज देश की पहली ट्रांसजेंडर नाज मिस ग्लोबल में लेंगी हिस्सा, दुनिया की इन सुंदरियों को देगी टक्कर

By SHUBHAM SHARMA

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Transgender-Beauty

अगर इंसान में काबिलियत और हौंसलों में दम हो तो किसी भी काम को कर सकते हैं। आज की स्टोरी में हम एक शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके जीवन में काफी संघर्ष रहा हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपने हौंसलो में उड़ान भरने का दम रखा और आज ऐसे मुकाम पर हैं जिसने सभी को तारीफ करने पर मजबूर कर दिया है।

हम बात कर रहे हैं देश की पहली ट्रांसजेंडर नाज जोशी की जो कि अब मिस ग्लोबल में हिस्सा लेने वाली है इनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए हैं।

​नाज जोशी के सामने थी काफी मुसीबतें

दरअसल नाज जोशी अब ट्रांसग्लोबल 2012 प्रेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं। इसमें ब्यूटी कंटेस्ट में दुनिया भर की ट्रांसजेंडर महिलाएं हिस्सा लेंगे।

जिसमें भारत की नाज जोशी की चर्चा चारों ओर होने लगी है, लेकिन आज भी नाज जोशी अपनी मां से नाराज है। नाज जोशी की मां कहा करती थी कि मैंने तो लड़का पैदा किया था, लेकिन यह छक्का कहां से आ गया है, लेकिन नाज कभी भी इस बात का गौर नहीं किया कि वहां क्या है।

उन्होंने हमेशा आगे बढ़ने और दुनिया को कुछ कर दिखाने की सोच रखी और ढाबे पर बर्तन धोए और आगे बढ़ती गई। आज दुनिया की नजरें सिर्फ नाज जोशी पर टीकी है।

1984 में जन्मी नाज जोशी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 31 दिसंबर 1984 की बात जब दिल्ली के एक अपर मिडिल क्लास फैमिली में बच्चे ने जन्म लिया था। उसका नाम था आईजिया जोशी। पिता विकास प्राधिकरण में अफसर थे बच्चे को किताबें, चॉकलेट और खिलौने से लेकर प्यार की भी कमी नहीं थी।

इसके बाद जैसे ही वहां 10 साल का हो गया तो खुद को भी पता नहीं था कि वह लड़का है या लड़की ।उसके घर वाले भी उसके साथ बुरा बर्ताव करने लगे। इस व्यवहार की वजह से उनकी कई जगह बेज्जती होने लगी। ऐसे में उसे सहन नहीं हो रहा था। इसके बाद मां ने उस बच्चे से पीछा छुड़ाने के लिए उसे मामा के घर भेज दिया।

ढाबे पर बर्तन धोती रसोई में करती थी काम

दरअसल नाज जोशी के मामा मुंबई में रहते हैं। उनके 6 बच्चे थे और वहां सरकारी अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करते थे ।इसके बाद मामा ने कहा तुझे स्कूल भेजने की मेरी हैसियत नहीं है। कहीं जाकर खुद पैसे कमा। इसके बाद उसे एक ढाबे में काम मिल गया।

10 साल का लड़का दिन में स्कूल जाता शाम को ढाबे पर बर्तन धोता और उस पैसे से अपनी पढ़ाई को पूरा करता। इसके साथ ही मामी का घर में हाथ भी बटाता और रात 11:00 बजे अपना होमवर्क पूरा करता और सुबह फिर स्कूल चला जाता था।

इसके बाद एक दिन घर के सुख और आराम में पले बड़े बच्चे को प्यार से बेदखल कर दिया। इसके बाद मां-बाप ने घर से निकाल दिया। मामा मामी भी उसे ताना देने लगे। इसके बाद एक दिन मामा मामी घर से कहीं चले गए थे। इस दौरान उनका 20 साल का बेटा और उसके कुछ दोस्त शराब पी रहे थे।

11 साल के बच्चे को भी शराब पीने को दिया लेकिन उसने मना कर दिया है। स्टील के गिलास में कोल्ड ड्रिंक पकड़ा दी एक सांस में पी जाने को कहा स्पीकर बच्चा सो गया। अगले दोपहर अस्पताल में उसकी आंख खुली जब आंख खुली तो सामने मामा खड़े थे। उन्होंने एक ही बात कही। किसी को कुछ कहना मत दो दिन बाद तुझे लेने आऊंगा लेकिन कोई लेने नहीं आया था।

मामा के बेटे और दोस्तों ने किया दुराचार

इसके बाद मामा के बेटे और उसके कुछ दोस्तों ने आइजिया के साथ दुष्कर्म किया। बीच-बीच में दर्द से उसकी आंखें खुलती फिर बंद हो जाती। वहीं अस्पताल में किन्नर समाज के एक आदमी की उस पर नजर पड़ी और वहां उस बच्चों को अपने साथ ले गया।

कुछ दिन बाद नाज ने सिग्नल पर भीख मांगी बाद में कहीं काम किया। इसके बाद रात में लड़की बनकर डांस करता था, लेकिन गरीब होने की वजह से उसके साथ काफी शोषण भी हुआ। 11वीं 12वीं में साइंस लेकर पढ़ाई की 18 साल की उम्र तक नाज नाचती रही। इस दौरान उसने अपनी मेहनत और अपनी कमाई से 12वीं पास की ।इसके बाद पहली नौकरी डिजाइनर रितु कुमार के यहां लगी। नाच पहले चलकर देश की पहली ट्रांसजेंडर बनी है।

वहीं फैशन और ब्यूटी की दुनिया में नाज कदम रखा और मॉडलिंग की। इसके बाद दुबई अफ्रीका और मॉरीशस में जाकर 3 साल लगातार मिस वर्ल्ड डाई डाइवर्सिटी का खिताब जीता ।इसके बाद पिता को नाज पर गर्व था, लेकिन मां आज भी उसे पसंद नहीं करती है। 2022 में प्रेजेंट में मिस ट्रांसग्लोबल में अपना हिस्सा लेने जा रही है। जिनका मुकाबला अब दुनिया भर की कई ट्रांस सुंदरियों के साथ होगा।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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