जुनागढ़ (गुजरात ) : गुजरात के जूनागढ़ में बीती रात (15-16 जून) अवैध दरगाह के प्रति ग़ैरकानूनी कार्यवाही के संबंध में लोगों की भीड़ ने क्रांतिकारी तथाकथित हरकतें की हैं। भीड़ ने प्रशासनिक नोटिस के पश्चात अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रकट किया, पत्थर फेंका और पुलिस चौकी पर हमला किया।
इस हमले में डिप्टी एसपी, महिला पुलिस अधिकारी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। गुस्साई भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को आंसू गैस के गोले चलाने पड़े और उन्हें लाठीचार्ज करना पड़ा। वर्तमान में इस क्षेत्र में तनाव प्रबल है। बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फ़ोर्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
जाने क्या है पूरा मामला?
जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक दरगाह को लेकर प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के खिलाफ इलाके के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात को यहां प्रदर्शन भड़क उठा और जूनागढ़ में हालात जंग की तरह बिगड़ गए। नोटिस के तहत हटाए जाने की घोषणा की गई दरगाह, मजेवाड़ी दरवाजे के ठीक सामने स्थित है।
पांच दिनों की अंतिम तिथि के बाद भी नोटिस के संबंध में किसी भी जवाब का ना दिया जाना अयोग्य ठहराया गया है, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई का निर्णय लिया है। शुक्रवार शाम को नगर निगम टीम ने ध्वस्तीकरण के नोटिस को जारी करने के लिए जाने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में एक भीड़ इकट्ठा हो गई। बहुत कम समय के बाद ही यह भीड़ अपराधियों के रूप में परिवर्तित हो गई और पुलिस पर पत्थरबाजी सुरु कर दी। इस दौरान, वहाँ खड़े वाहनों को भी आग के हबाले कर दिया गया है।
बवाल की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें 200-300 लोगों की भीड़ दिख रही है जो पत्थरों का उपयोग कर रही हैं और गाड़ियों को तोड़ रही हैं। हिंसा की उबार के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को इलाके में भेजा गया है।