USD vs INR: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे गिरकर 83.44 पर बंद हुआ

SHUBHAM SHARMA
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USD vs INR: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे गिरकर 83.44 पर बंद हुआ

मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों में कारोबार के अंत में उतार-चढ़ाव के बीच बुधवार को रुपया अपनी शुरुआती बढ़त बरकरार रखते हुए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 83.44 (अनंतिम) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि स्थानीय मुद्रा की बढ़त की गति अमेरिकी मुद्रा में मजबूती तथा विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण रुक गई।

रुपया और अमेरिकी डॉलर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय मुद्रा 83.39 पर मजबूती के साथ खुली और सत्र के दौरान डॉलर के मुकाबले 83.34 और 83.48 के दायरे में घूमती रही। स्थानीय मुद्रा अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 83.44 (अनंतिम) पर बंद हुई, जो पिछले बंद स्तर से 1 पैसे की गिरावट दर्शाता है। मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़कर 83.43 पर बंद हुआ था।

एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी एंड करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा कि रुपया उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर रहा है, शुरुआत में मजबूती दिखी लेकिन डॉलर इंडेक्स को 104.80 के करीब समर्थन मिलने से इसमें बढ़त कम हो गई। “रुपये के 83.25-83.60 के बीच उतार-चढ़ाव भरे दायरे में कारोबार जारी रखने का अनुमान है।” इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.01 प्रतिशत बढ़कर 104.88 पर कारोबार कर रहा था।

डॉलर सूचकांक और आर्थिक आँकड़े

विश्लेषकों ने कहा कि डॉलर सूचकांक में शुरुआत में गिरावट आई क्योंकि अमेरिकी आंकड़ों से पता चला कि खुदरा बिक्री में वृद्धि अपेक्षा से कम थी, हालांकि मई में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े पूर्वानुमान से अधिक रहने के कारण मुद्रा में सुधार हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने भी आक्रामक रुख जारी रहने का संकेत दिया है, जिससे दिसंबर तक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें खत्म हो गई हैं।

वैश्विक तेल बाजार और उसका प्रभाव

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.13 प्रतिशत घटकर 85.22 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। घरेलू शेयर बाजारों में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 36.45 अंक या 0.05 प्रतिशत बढ़कर 77,337.59 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 41.90 अंक या 0.18 प्रतिशत गिरकर 23,516.00 अंक पर आ गया। दोनों सूचकांकों ने कारोबार के दौरान अपने नए शिखर स्तर को छुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) की भूमिका

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) मंगलवार को पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 2,569.40 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विश्लेषकों ने मजबूत एफआईआई खरीद का श्रेय मजबूत घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में तीव्र गिरावट को दिया।

सरकारी आँकड़े और आर्थिक वृद्धि

मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसका कारण कंपनियों द्वारा अग्रिम कर का अधिक भुगतान है, जो मजबूत आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को उपभोक्ता खर्च में सुधार और निवेश में वृद्धि का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को मार्च में अनुमानित 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया।

आर्थिक परिदृश्य और भविष्यवाणियाँ

रुपये और डॉलर के बीच विनिमय दर पर कई कारकों का प्रभाव पड़ता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों, वैश्विक तेल की कीमतों, विदेशी संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों और घरेलू आर्थिक संकेतकों का समग्र प्रभाव बाजार पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में रुपये की गति और भी अधिक परिवर्तनशील हो सकती है, विशेषकर तब जब वैश्विक और घरेलू कारक एक साथ मिलकर अपना प्रभाव दिखाते हैं।

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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