दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर केंद्र और व्हाट्सएप को नोटिस जारी किया है । अदालत ने मैसेजिंग ऐप के यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारतीयों के लिए गोपनीयता के निम्न मानकों का आरोप लगाते हुए सरकार और मैसेजिंग ऐप से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
व्हाट्सएप को भारत में अपनी नई गोपनीयता नीति को लागू करने से रोकने की मांग करने वाली याचिका पर कार्रवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने माना कि लोगों में गोपनीयता के बारे में गंभीर चिंता है और नागरिकों की गोपनीयता पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को गंभीर आशंका है कि वे अपनी गोपनीयता खो देंगे, और उनकी सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2017 की लंबित याचिका में कर्मण्य सिंह सरीन द्वारा दायर एक अंतरिम आवेदन पर सरकार और फेसबुक अधीन व्हात्सप्प ऐप को नोटिस जारी किया । जिसमे शीर्ष अदालत ने कहा कि लोग अपनी निजता को उस कंपनी के मूल्य जो खरबों में है उससे अधिक महत्व देते हैं|
अपने उपयोगकर्ताओं के डेटा को साझा करने के आरोपों का खंडन करते हुए व्हाट्सएप ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यूरोपीय देशों को छोड़कर सभी देशों में एक ही गोपनीयता नीति लागू है, जिसमें विशेष डेटा सुरक्षा कानून है।इसमें कहा गया है कि यूरोप में गोपनीयता पर एक विशेष कानून है और यह भी पालन करेगा कि भारत के पास एक समान क़ानून है या नहीं।
अपने जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “लोग अपनी गोपनीयता को कंपनी के मूल्य से अधिक महत्व देते हैं जो कि खरबों में हो सकता है और कहा – लोगों को गंभीर आशंका है कि वे अपनी गोपनीयता खो देंगे, और उनकी सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है” ।