प्रिंसिपल से कर्माचारियों की सुरक्षा और उनकी जिम्मेदारी के बारे में उनके कर्माचारी भविष्य निधि (पीएफ) खाते के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि किसी कर्माचारी का कोई पीएफ खाता ही नहीं है. इसके बारे में प्रशासन को भी ध्यान देने की जरूरत है…
मृतक हेतराम के परिवार की मांग है कि स्कूल प्रशासन उनके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करे. इस मामले पर जब सेंट थॉमस के प्रिंसिपल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वो मदद करने से मना नही कर रहे हैं. मदद के लिए प्रिंसिपल फंड का इंतजाम कर रहे हैं. वहीं मृतक हेतराम के कुछ करीबी लोगों का कहना है कि स्कूल प्रशासन मृतक को मुआवजा देने में आनाकानी कर रहा है. जब प्रिंसिपल से कर्माचारियों की सुरक्षा और उनकी जिम्मेदारी के बारे में उनके कर्माचारी भविष्य निधि (पीएफ) खाते के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि किसी कर्माचारी का कोई पीएफ खाता ही नहीं है. इसके बारे में प्रशासन को भी ध्यान देने की जरूरत है.
हेतराम ग्राम- सुखारी पुरवा, थाना-कलिंजर के रहने वाले थे जो लगभग 20 सालों से अपना गांव छोड़कर रोजी-रोटी के लिए शहर आ गए थे. और जहां वह रह रहे थे वहां के लोगों के अनुसार वह बहुत ही सीधे और सरल इंसान थे. इतने सालों में उनका कभी किसी से कोई विवाद नहीं रहा. हमेशा हंसते-मुस्कुराते रहने वाले मृतक हेतराम की मौत से उनके परिवार के अलावा उनको जानने वाले सभी लोग गहरे सदमे मे हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार जिला मुख्यालय कर्वी से शिवरामपुर के बीच अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. पैदल और साइकिल से चलने वाले भी सुरक्षित नही हैं. कुछ समय पहले कर्वी में ही भूतपूर्व विधायक वीर सिंह के आवास के पास ही सूरज नाम का एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गया था जिसका अभी तक इलाज चल रहा है. इससे पहले महादेवन गांव के निवासी अनिल बेड़ी पुलिया के पास ही सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे जिनको तीन दिन तक कोम में रहने के बाद होश आया था. ऐसे ही कई सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो चुकी है. ये दुर्घटनाएं जिले की सड़क और सुरक्षा व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारियों पर बड़े सवाल खड़ी करती हैं.
प्रशासन की लापरवाही से कब तक जान गंवाते रहेंगे निर्दोष-
स्थानीय लोगों की मांग है कि इस सड़क पर डिवाइडर के इंतजाम किया जाएं, इसके लिए लोगों ने कई बार मांग भी की लेकिन प्रशासन की लापरवाही से आज भी लोग अपनी जान हथेली पर रखकर सड़क पर चलने को मजबूर हैं. आखिर कब तक प्रशासन की लापरवाही से लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे.
भगवान श्री राम से जुड़ा धार्मिक स्थल होने की वजह से चित्रकूट में लोगों का आवागमन लगा रहता है और ऑटो की भी काफी भीड़ रहती है जिससे आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार कई बार ऑटो एक्सीडेंट में कई लोग घायल हो जाते हैं और इलाज के लिए कोई अच्छा अस्पताल भी वहां नहीं है. गंभीर हालात में लोगों को इलाज के लिए सीधे इलाहाबाद या सतना के लिए रेफर किया जाता है जहां कई बार लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ देते हैं.