सवाई माधोपुर । रणथंभौर बाघ परियोजना में विचरण कर रहे वयस्क 4 शावकों को वन विभाग ने आईडी नंबर आवंटित किए हैं।
अब रणथंभौर की विख्यात बाघिन टी-8 लाडली और बाघिन टी-73 के दो वर्ष से अधिक के चार शावकों को रणथम्भौर में टी-126, टी-127, टी-128 और टी-129 के नाम से जाना जाएगा।
इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव और क्षेत्र निदेशक रणथंभौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर टीसी वर्मा ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान जयपुर को पत्र लिखा है।
जानकारी के अनुसार रणथंभौर बाघ परियोजना में वर्तमान में कुल 4 वयस्क शावक हैं, जिनकी आयु लगभग दो वर्ष से अधिक हो चुकी है। ये शावक कभी भी अपनी मां से अलग हो सकते हैं, इसलिए इन्हें वन विभाग की ओर से टाईगर आईडी दी गई है।
बाघिन टी-73 रणथंभौर की बाघिन टी-17 सुंदरी की बेटी है। इसने 2019 में एक शावक को जन्म दिया था। इसी तरह बाघिन टी-8 लाडली तीन शावकों के साथ नजर आई थी।
दोनों बाघिनों के चारों शावक लगभग दो साल से अधिक के हो चुके हैं। ऐसे में वन विभाग ने बाघिन टी-73 के मादा शावक को टी-126, बाघिन टी-8 के मादा शावक को टी-127, नर शावक को टी-128 और टी-129 नाम दिया है।
वर्तमान में बाघिन टी-73 की मादा शावक टी-126 भदलाव, श्यामपुरा, कुंडला के भैरुजी, आदित्य फार्म के आस-पास विचरण कर रही है। इसी तरह बाघिन टी-8 के तीनों शावक रणथंभौर के कुण्डाल, पल्ली दरवाजा, पटवा बावड़ी, दमदमा वन क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। यहां लगे वन विभाग के ट्रैप कैमरों में उनकी तस्वीरें कैद हुई है।