नईदिल्ली: बीती 10 फरवरी दिन बुधवार की रात्रि में मुहम्मद दानिश ,जाहिद,इस्लाम ,मेहताब ने अपने ही दोस्त रिंकू शर्मा की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी । जबकि मुहम्मद दानिश ,रिंकू शर्मा का पड़ोसी होने के साथ साथ अच्छा दोस्त भी जिसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि जब पूर्व में दानिश को अपने इलाज के दौरान खून की आवश्यकता पड़ी थी तो रिंकू शर्मा ने ही अपना खून दानिश को दिया था ।
रिंकू के परिवार वालो का कहना है कि श्री रामजन्म भूमि निर्माण के लिए समर्पण सहयोग कार्यक्रम में रिंकू शर्मा क्रियाशील था जिससे दानिश खुश नही था एवम पिछले माह भी दानिश ने रिंकू के साथ विवाद किया था पर आपसी मान मनोव्वल के चलते उस विवाद को सुलझा दिया गया था पर बुधवार की रात पड़ोस में ही लाली के जन्म दिवस की पार्टी थी जिसमे रिंकू , दानिश आदि शामिल थे एवम दानिश व रिंकू के बीच फिर उसी पुरानी बात को लेकर विवाद हुआ जिसके चलते रिंकू अपने घर आ गया पर दानिश का क्रोध इतने चरम पर था जिसके चलते वो अपने दोस्तों के साथ रिंकू के घर पहुंचा एवम चाकू से गोद दिया ।
रिंकू पश्चिम विहार में एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन बतौर काम करता था जबकि दिल्ली पुलिस के अनुसार ये बात भी बताई जा रही है की इनका कोई आपसी विवाद था जो अभी जांच का विषय है । तो जांच अपनी जगह है पर प्रश्न ये है जिस दोस्त के लिए रिंकू ने अपना खून दिया था एवम जो दोस्त परिवार में आता जाता था एवम पड़ोसी भी था तो उस दोस्त ने रिंकू की हत्या किसी भी विवाद के चलते क्यों कर दी ।
क्या दानिश व अन्य अभियुक्तो में इतनी असहिष्णुता थी कि अपने ही दोस्त रिंकू का श्रीराम मंदिर कार्य मे सम्मलित होना उन्हें स्वीकार नही था। या ये एक ऐसी सोच जिसे आजकल सोशल मीडिया पर जिहाद का नाम दिया जा रहा है वो जिहादी सोच इतनी चरम पर है कि इस धर्मनिरपेक्ष देश मे हिन्दू धर्म की कोई जगह नही क्योंकि पूर्व में भी ऐसी कई हत्याएं देखने को मिली जो धर्मनिरपेक्ष देश मे उचित नही है।
ऐसा क्यूँ है क्या रिंकू की ये गलती थी कि वो नही जानता था कि जिन्हें वो अपना पारिवारिक दोस्त समझता है उनकी विचारधरा जिहादी सोच से प्रेरित है अतः इस जिहादी सोच का क्या कारण है क्यूँ इस सोच के चलते छोटी छोटी बातों पर अपने ही मिलने वालों की निर्मम हत्या कर दी जाती है ।
ये घटनाएं चाहे बंगाल ,उत्तरप्रदेश ,मध्यप्रदेश ,दिल्ली आदि कही भी हो पर रूक नही रही हैं ,सरकार चाहे किसी भी दल की हो चाहे बीजेपी शाषित राज्य हो या गैर बीजेपी शासित राज्य हो । सभी जगह पर इस तरह की घटनाएं देखने को मिल ही जाती है । जो बहूत ही पीड़ादायक है यदि इसी तरह चलता रहा तो राजनीतिक दल तो एक दूसरे को दोष देते ही रहेंगे क्योंकि सबको अपने अपने हिसाब से सत्ता चलानी है ।
पर उस वर्ग या संनातन सभ्यता का क्या होगा जो सदैव ही अहिंसा परमोधर्म ,वसुधैव कटुम्बकम व बापू गांधी जी की रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम की विचारधारा पर चलने वाली सभ्यता है क्योंकि सनातन धर्म मे तो वृक्ष,गौ माता ,पशु ,फूल पत्ती ,आदि सभी को पूजने की प्रथा है तो इस सभ्यता की सुरक्षा कैसे होगी ।