कोरोना के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थिति के कारण मकान मालिकों को किरायदारों से किराया नहीं मांगने की हिदायत दी गई है। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव की ओर से गुरुवार को इस बाबत आदेश जारी किया गया है। यदि दबाव बनाया गया तो जेल तक हो सकती है।
आदेश में कहा गया है कि किराए के लिए दबाव बनाने वाले या मकान खाली करने की धमकी देने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। आदेश के मुताबिक, कोरोना के कारण विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई है। दिल्ली में लोग बड़ी संख्या में किराए पर रह रहे हैं। इसमें दिहाड़ी मजदूर और दूसरे लोग भी शामिल हैं।
सभी को आवास सुरक्षा की जरूरत : शिकायत मिली है कि मकान मालिक मकान खाली करने का दबाव बना रहे हैं। वर्तमान स्थिति में हर व्यक्ति को आवास की सुरक्षा जरूरी है। ऐसे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर अगले आदेश तक मकान मालिकों के किराया मांगने पर रोक लगाई जाती है। इस अवधि में किराएदारों को परेशान नहीं करने की हिदायत भी दी जाती है।
छात्रों और मजदूरों को लाभ होगा
दिल्ली सरकार द्वारा किराए से राहत दिए जाने का सबसे अधिक लाभ यहां रहने वाले विभिन्न राज्यों के छात्रों और मजदूरों को होगा। लॉकडाउन के बाद से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले छात्रों की ओर से किराए को लेकर दिल्ली सरकार के समक्ष चिंता व्यक्त की गई थी। बीते माह ही दिल्ली सरकार की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिए गए थे। मुखर्जी नगर, मॉडल टाउन, लाडो सराय, कटवारिया सराय समेत अन्य इलाकों में बड़ी संख्या में छात्र किराए पर रहते हैं।
दो वर्ष तक सजा संभव
आदेश का उल्लंघन करने पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के आधार पर एक वर्ष की सजा या अर्थदंड या दोनों हो सकती है। अगर मकान खाली कराने या भाड़े के लिए दबाव डालने के दौरान किराएदार को किसी तरह की जान-माल की क्षति होगी, तो दो साल की सजा हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस बाबत शिकायत करना चाहता है तो दिल्ली पुलिस को 100 नंबर पर कॉल कर जानकारी दे सकता है। दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार का स्थानीय जिला प्रशासन संबंधित मामले में कार्रवाई करेगा। इस बाबत हर सप्ताह एक रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।