पीएम मोदी ने साधा टीएमसी पर निशना, कहा- ममता बंगाल के लिए बन गई निर्ममता

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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। पीएम ने बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति। आजादी के बाद जब पश्चिम बंगाल के विकास को नई दिशा देने की जरूरत थी तब यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस ने शासन किया, तो भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा। फिर लेफ्ट का शासन लंबे समय तक रहा, उन्होंने भ्रष्टाचार, अत्याचार बढ़ाने के साथ ही विकास पर ही ब्रेक लगा दिया।

बंगाल को ममता की निर्ममता मिली
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं। लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला ढहने की कगार पर था। उस समय ममता दीदी ने बंगाल से परिवर्तन का वादा किया। उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, लोगों ने भरोसा किया। बंगाल को आस थी ममता की लेकिन उसे निर्ममता मिली। उन्होंने कहा कि लेकिन ममता सरकार के पहले साल में ही ये साफ हो गया कि, बंगाल को जो मिला है वो परिवर्तन नहीं, लेफ्ट का पुनर्जीवन है। वो भी सूद समेत। लेफ्ट का पुनर्जीवन यानी। भ्रष्टाचार का पुनर्जीवन। उन्होंने कहा, “अपराध और अपराधियों का पुनर्जीवन। हिंसा का पुनर्जीवन। लोकतन्त्र पर हमलों का पुनर्जीवन। इससे पश्चिम बंगाल में गरीबी का दायरा और बढ़ता गया।

पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ देंगे तो वो नाराज हो जाती हैं। यहाँ तक कि भारत माता की जय के नारे लगा दो, तो भी वो नाराज हो जाती हैं। लेकिन देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगल दें, दीदी को गुस्सा नहीं आता। उन्होंने कहा कि अभी आपने न्यूज़ में देखा होगा कि इन दिनों भारत को बदनाम करने के लिए कैसे कैसे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र सामने आ रहे हैं, कैसी कैसी अंतरराष्ट्रीय साज़िशें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि साजिश करने वालों की बेचैनी इतनी ज्यादा है कि भारत को बदनाम करने के लिए वो चाय से जुड़ी भारत की पहचान पर हमला करने की बात कह रहे हैं। टी वर्कर्स की कड़ी मेहनत पर हमला करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

बंगाल दीदी से जवाब मांग रहा है
पीएम ने कहा कि मां, माटी मानुष की बात करने वालों में आज भारत माता के लिए आवाज बुलंद करने का साहस नहीं है। साहस इसलिए नहीं है क्योंकि, इतने सालों में इन लोगों ने Politics को Criminalize किया है, करप्शन को Institutionalize किया है और प्रशासन और पुलिस को Politicize किया। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही, मारीचझापी नरसंहार की दु:खद बरसी थी। देश इस घटना को, गरीबों और दलितों के इस नरसंहार को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि लेकिन बंगाल तृणमूल से ये पूछना चाहता है- जिन पुलिस वालों ने नंदीग्राम में गोलियां चलाई थीं, जिन्होंने गरीबों का खून बहाया, आप उन्हीं को पार्टी में क्यों शामिल कर रहे हैं? बंगाल पूछना चाहता है- क्या बंगाल का गरीब क्या केवल वोट लेने के लिए ही है? उन्होंने कहा कि लेकिन क्या आपने भारत के खिलाफ इस षड्यंत्रों और साजिशों पर दीदी के मुंह से एक भी वाक्य सुना है क्या?

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेकों ऐसे हैं जिन्हें देश के लोगों ने दशकों तक सेवा का मौका दिया, वो भी या तो चुप हैं या इन षड्यंत्रों का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन इस षड्यंत्रकारियों से मैं कहना चाहता हूं कि देश इन षडयंत्रों का पूरी ताकत से जवाब देगा। ये वो सरकार है जो आपदा में भी भ्रष्टाचार के अवसर खोज लेती है। इससे बड़ा अपराध और क्या हो सकता है? इतना बड़ा चक्रवात आया, इतना कुछ तबाह हो गया। लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने जो पैसे भेजे उसका इन लोगों ने क्या किया, ये पश्चिम बंगाल के लोग भली-भांति जानते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तुरंत पश्चिम बंगाल के लाखों परिवारों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की। लेकिन केंद्र सरकार के भेजे राशन को भी यहां की सरकार सही तरीके से गरीबों तक पहुंचाने में असफल रही।

बंगाल के किसानों को नहीं मिला किसान सम्मान निधि का लाभ
मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान देशभर के किसानों के बैंक खाते में पीएम सम्मान निधि के तहत हजारों करोड़ रुपये जमा किए गए। अभी तक इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं। इसमें पश्चिम बंगाल के भी लाखों किसान परिवार हो सकते थे। लेकिन, यहां के एक भी किसान को ये लाभ नहीं मिल पाया, क्योंकि यहां की सरकार ने इस योजना से जुड़ने से ही इनकार कर दिया था। सोचिए, पश्चिम बंगाल के किसानों के साथ कितना बड़ा अन्नाय किया गया।

पीएम ने कहा कि अब जब पश्चिम बंगाल के किसानों ने ममता दीदी को सबक सिखाने का मन बना लिया है, तो सिर्फ कहने के लिए कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने बेमन से इस योजना से जुड़ने की सहमति दे दी है। किसानों के पास सीधे पैसे जाएं, इससे यहां की सरकार को कितनी दिक्कत है, ये सिर्फ एक आंकड़े से समझ आता है। बंगाल के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सकता है। इसमें से 25 लाख से ज्यादा किसानों ने TMC सरकार के पास इस सुविधा का लाभ लेने के लिए अप्लाई किया हुआ है। बंगाल में ऐसी सरकार है जिसने सिर्फ 6 हजार किसानों के नाम तय कर पाई है। सोचिए, सिर्फ 6 हजार किसान।

आयुष्मान भारत से गरीबों को रखा वंचित
प्रधानमंत्री ने कहा कि ममता दीदी की सरकार, गरीबों की चिंता से कितना दूर है, इसका एक और उदाहरण केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना है। इस योजना के तहत पूरे देश के अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा से भी पश्चिम बंगाल का गरीब मरीज वंचित हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के मेरे किसान भाइयों को विश्वास देने आया हूं, इस चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनाना आपने तय कर लिया है। बंगाल में भाजपा सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में भारत सरकार की किसानों की जो योजना है उसको तेज गति से लागू करने का निर्णय किया जाएगा। इतना ही नहीं, मैं बंगाल के किसानों को वादा करता हूं कि देश के और किसानों को जो लाभ मिला है आपको जिस लाभ से वंचित रखा गया है, वो पुराने पैसे भी भारत सरकार बंगाल के किसानों को देगी।

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