खबरसत्ता / टेक्नोलॉजी डेस्क/ व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 (Personal Data Protection Bill 2019) की समीक्षा कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए गूगल (Google) और पेटीएम (Paytm) के अधिकारियों को कई मुश्किल सवाल झेलने पड़े. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति ने गूगल-पेटीएम (Google-Paytm) से हितों के टकराव के बारे में पूछा. ये कंपनियां अपने टेक प्लेटफॉर्म (Tech Platforms) का इस्तेमाल अपने ही सामान को बेचने, वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने के साथ-साथ प्रोडक्ट्स का प्रचार भी खुद ही करती हैं.
डेटा सुरक्षा (Data Protection) पर संसद की समिति ने गुरुवार को गूगल (Google) और पेटीएम (PayTm) के अधिकारियों से पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक समिति ने इन कम्पनियों से “कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट” से जुड़े विषयों पर जानकारी हासिल करने की कोशिश की. समिति ने पूछताछ जानने की कोशिश की कि कैसे एक ही कम्पनियां मुख्य तौर पर टेक प्लेटफार्म भी, विक्रेता भी, आर्थिक सहयोगी और विज्ञापन दाता हो सकती है.
Google और Paytm से मांगी गई चीनी निवेश की जानकारी
गूगल और पेटीएम दोनों ही कंपनियों से उनमें चीनी इन्वेस्टमेंट के विषय में भी जानकारी मांगी गई. खासकर गूगल से उसके चीनी लिंक के विषय में जानकारी मांगी गई.
गूगल से ये भी पूछा गया कि भारत सरकार को वो कितना कॉरपोरेट टैक्स देता है. गूगल से ये भी पूछा गया कि गूगल और उसकी सहयोगी संस्थान मसलन गूगल प्ले, यूट्यूब आदि भारत में कितना रेवेन्यू जनरेट करते हैं. ये सभी जानकारियां लिखित में संसदीय समिति के समक्ष पेश करने को कहा गया. समिति के सदस्य सांसदों ने गूगल से पूछा कि ऑनलाइन कंटेंट देने या विज्ञापन देने में वो कितना न्यूट्रल रह पाते हैं क्योंकि इसका नियंत्रण इन्हीं कंपनियों के पास है.
आम लोगों की जानकारियां कहां और क्यों स्टोर की जाती हैं
समिति के सदस्यों ने ये भी जानना चाहा कि आम लोगों की निजी जानकारी कहां और क्यों स्टोर की जाती हैं.इससे पहले समिति ने बुधवार को ट्विटर और अमेजन के अधिकारियों से भी लंबी पूछताछ की थी. खासकर ट्विटर से लदाख को चीन का हिस्सा बताए जाने को लेकर स्पष्ट जबाब मांगा गया था.
संसदीय समिति ने Google और PAYTM के अधिकारीयों से पूछे ये सवाल –
– गूगल और पेटीएम दोनों से पूछा गया कि उनमें चीनी निवेश कितना है?
– गूगल भारत में कितना पैसा कमाता है?
– गूगल के अधिकारियों से पूछा गया कि चीन के साथ उनके कैसे लिंकेज हैं.
दरअसल, ट्विटर की लोकेशन सेटिंग में लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाए जाने के विवाद पर संसद की संयुक्त समिति ने ट्विटर इंडिया को कड़ी फटकार लगाई थी. संसदीय समिति के एक वरिष्ठ संसद ने से कहा, ट्विटर हेडक्वार्टर को इसके लिए माफी मांगने को कहा गया है. संसद की संयुक्त समिति ने तय किया है कि ट्विटर Inc को लिखित में समिति के सामने अपने माफीनामा देना होगा, सिर्फ बैठक में ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को मौखिक माफी समिति को स्वीकार नहीं है.
बैठक में Google और Paytm से सवाल
बैठक में गूगल की निष्पक्षता पर सवाल किए गए. समिति ने गूगल के कंटेंट की निष्पक्षता पर सवाल पूछे क्योंकि कंटेंट साझा करने का कंट्रोल बटन गूगल के पास होता है. गूगल पर पब्लिक प्रोफाइलिंग को लेकर उसके पीआर एजेंसियों के संबंधों का सवाल भी उठा.
फिलहाल गूगल और पेटीएम दोनों को आदेश दिया गया है कि वो लिखित में अपनी कमाई और कॉर्पोरेशन टैक्स की पेमेंट की जानकारी समिति के सामने पेश करें. गूगल से गूगल प्रोडक्ट जैसे गूगल पे, यूट्यूब की जानकारी मांगी गई है.
Paytm Google China’s investment from Paytm and Google, inquiry continues