महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे ने कहा है पालघर में गुरुवार को तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा.
अब से थोड़ी देर पहले मुख्यमंत्री के दफ्तर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई है कि “पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है. घटना के दिन ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा.”
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पालघर से सूरत जा रहे तीन लोगों को रास्ते में कुछ लोगों ने रोक लिया और उन्हें गाड़ी से निकाल कर पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी. भीड़ को इन पर चोर होने का शक था.
ये तीनों एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे.
तीनों पीड़ितों की मौत हो गई है. इनकी पहचान 70 और 35 साल के दो साधु और 30 साल के उनके ड्राइवर के तौर पर की गई है.
इसके कुछ मिनट बाद पालघर पुलिस ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी कि इस मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें से 9 नाबालिग़ हैं.
पालघर पुलिस ने लिखा, “पालघर मॉब लिंचिंग मामले में जिन 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें 9 नाबालिग़ शामिल हैं. 101 लोगों को इस महीने की 30 तारीख तक के लिए पुलिस कस्टडी में लिया गया है. इस मामले में जांच अभी जारी है.”
बीजेपी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
ये घटना गुरुवार रात की है लेकिन इसका वीडियो रविवार को सोशल मीडिया वायरल हो गया.
वीडियो में ये देखा जा सकता है कि घटनास्थल पर एक पुलिस अधिकारी भी मौजूद हैं.
इस वीडियो के सामने आने के बाद रविवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्न फडनवीस ने “घटना की उच्च स्तरीय जांच” की मांग की.
उन्होंने कहा, “सबसे शर्मनाक़ बात ये है कि पुलिस के सामने भीड़ लोगों को मारती है, पुलिस के हाथ से छीन कर मारती है. कहीं न कहीं महाराष्ट्र में क़ानून व्यवस्था लचर हो गई है.”
रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस घटना की निंदा की और कहा कि जूना अख़ाड़े से जुड़े दो साधुओं की हत्या के मामले में जल्द अपराधियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारारण गिरि ने सवाल उठाया है, “इस समय पर देश में धारा 144 लागू होने के बावजूद इतने ग्रामीण एकत्रित कैसे हुए?”
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी घटना का वीडियो ट्वीट किया और लिखा, “महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया. ये घटना वीरवार की है. आज तक सारे लिबरल पूरी तरह से ख़ामोश हैं. कोई लोकतंत्र या संविधान की दुहाई नहीं दे रहा.”
सीएमओ के ट्वीट के बाद शिव सेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने भी सफाई देते हुए ट्वीट किया कि इस तरह के अपराधों को महाराष्ट्र सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.
उन्होंने लिखा, “पालघर में हुई घटना पर मुख्यमंत्री ने बयान दिया है. मैं ख़ास तौर से राजनीतिक पार्टियों को कहना चाहता हूं कि साधुओं पर हमले के मामले में अपराधियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाई की जा रही है.”