नई दिल्लीः भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को ‘‘तथाकथित नये राजनीतिक नक्शे’’ को जारी करने पर आड़े हाथ लिया जिसमें दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर और गुजरात के कुछ हिस्से उसके क्षेत्र का हिस्सा हैं. भारत ने इसे ‘राजनीतिक मूर्खता’ की संज्ञा देते हुए कहा कि इन हास्यास्पद दावों की न तो कोई कानूनी वैधता है और ना ही अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता.
नई दिल्ली की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा इस्लामाबाद में उनके देश का नया राजनीतिक नक्शा जारी करने के कुछ घंटे बाद आई. दावा किया गया कि पाकिस्तान की संघीय कैबिनेट ने मंगलवार को ही नक्शे को मंजूरी प्रदान की.
पाकिस्तान की ओर से नक्शे में ये विवादस्पद बदलाव जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के एक साल पूरा होने से एक दिन पहले किये गये हैं. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान का तथाकथित ‘राजनीतिक मानचित्र’ देखा है जिसे प्रधानमंत्री इमरान खान ने जारी किया है.
यह राजनीतिक मूर्खता का काम है जिसमें भारत के राज्य गुजरात और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के क्षेत्रों पर बेतुका दावा किया गया है.’’इसने कहा, ‘‘इन हास्यास्पद बातों की न तो कोई कानूनी वैधता है न ही अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता. वास्तव में यह नया प्रयास केवल यही पुष्टि करता है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के माध्यम से क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए व्याकुल है.’’
नया नक्शा
नये मानचित्र में भारत के साथ पाकिस्तान की सीमा को स्पष्ट दर्शाते हुए उससे लगे कश्मीर के पूरे हिस्से को पाकिस्तान ने अपना हिस्सा दिखाया है. बहरहाल, चीन सीमा से लगे कश्मीर और लद्दाख के हिस्से को चिह्नित नहीं किया गया है और इसे ‘‘अनिर्णित सीमा’’ बताया गया है.
इसी तरह नियंत्रण रेखा को बढ़ाकर काराकोरम दर्रे तक किया गया है जिसमें सियाचिन को स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है. नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लाल बिंदुओं वाली रेखा से दर्शाया गया है.
मानचित्र में जम्मू-कश्मीर को ‘‘विवादित क्षेत्र बताया गया है जिसका अंतिम निर्णय यूएनएससी के संबंधित प्रस्तावों के तहत’’ होना है. पाकिस्तान कैबिनेट ने इस्लामाबाद में एक प्रमुख मार्ग का नाम बदलकर श्रीनगर हाईवे करने को भी मंजूरी प्रदान की. इसे पहले कश्मीर हाईवे कहा जाता था. पाकिस्तान पिछले एक साल से जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की नाकाम कोशिशें कर रहा है.
पाकिस्तान के मित्र चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे पर बात करने का प्रयास किया था. हालांकि दूसरे सदस्य देशों ने इन प्रयासों को खारिज कर दिया था. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस मुद्दे पर इमरान खान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मानचित्र में बदलाव ‘बेतुके’ हैं. रूपानी ने ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान भारत की एकता और अखंडता को कमजोर करने की अपनी कुत्सित सोच में कभी सफल नहीं होगा.’’