नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल (बुधवार) को कोविड-19 से उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के राज्यपालों से बातचीत करेंगे। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस प्रकार की यह पहली बैठक हो रही है। इस संवाद के दौरान कोरोना से बचाव संबंधी उपायों का जनता द्वारा पालन करवाना प्रमुख मुद्दा रहेगा।
प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया था और उस दौरान कहा था कि लोगों की लापरवाही और प्रशासन की सुस्ती के कारण कोरोना के ताजे मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने लोगों के बीच बचाव संबंधी जागरूकता फैलाने और पात्र लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्यपालों और समाज की विभिन्न हस्तियों को शामिल करने का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा था, ‘हमें लोगों को यह बार-बार बताना होगा कि टीका लगने के बाद भी मास्क और अन्य जो उपाय हैं उसका पालन अनिवार्य है। लोगों में मास्क और सावधानी को लेकर जो लापरवाही आई है, उसके लिए फिर से जागरूकता जरूरी है। जागरूकता के इस अभियान में हमें एक बार फिर समाज के प्रभावी व्यक्तियों, सामाजिक संगठनों, हस्तियों को अपने साथ जोड़ना होगा।’
देश में कम नहीं हो रहे कोरोना के नए मामले
बता दें कि देश में कोरोना महामारी अपने चरम पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान 1,68,912 नए मामले सामने आए, 75 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हुए और 904 लोगों की मौत हुई है। इनको मिलाकर कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ 35 लाख 27 हजार से अधिक हो गया है, जिसमें से एक करोड़ 21 लाख 56 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं और 1,70,179 मरीजों की जान भी जा चुकी है। सक्रिय मामले लगातार 33 दिनों से बढ़ रहे हैं। 33वें दिन 92 हजार से ज्यादा एक्टिव केस बढ़े और इनकी संख्या 12 लाख हो गई।