दिल्ली, पंजाब, बंगाल, बिहार और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को राजधानी में आयोजित नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की 8वीं मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए अध्यादेश के खिलाफ बैठक का विरोध किया है।
इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने विरोध जताया है।
इसके अलावा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी खराब तबीयत का जिक्र करते हुए विरोध किया है, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कोई कारण नहीं बताया।
रविशंकर प्रसाद, एक भाजपा नेता, इस विषय पर बताते हुए कहते हैं कि नीति आयोग देश के विकास और योजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस बैठक में, हमने 100 मुद्दों की तैयारी की है और उनमें से कुछ मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण वे अपने प्रदेश की जनता की आवाज को यहां नहीं पहुंचा सके हैं। क्या आप भाजपा के विरोध में कितनी दूर तक जा सकेंगे?
इस मीटिंग में, आठ मुख्य विषयों पर चर्चा की जा रही है। इनमें समावेशित हैं: विकसित भारत, MSME के प्रति ध्यान, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश, अनुपालन भार कम करना, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी संरचना की गति व शक्ति। इस मीटिंग में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपतियों को बुलाया गया था।