नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने इस दौरान कई सेक्टरों के लिए ऐलान किया है. आइये जानते हैं कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा में किस सेक्टर को क्या मिला…..
वित्तमंत्री ने कहा कि समाज के कई तबकों से मिलने के बाद यह पैकेज तैयार किया गया है. विकास को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए यह पैकेज दिया है. पीएम के मंत्र इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी, डिमांड पर ये पैकेज बना है.
आइये जानते हैं वित्त मंत्री ने अपने भाषण में क्या-क्या कहा है…
- लोकल ब्रांड को ग्लोबल पहचान दिलाना है.
- जनधन, आधार और मोबाइल से गरीब तबकों को बड़ी राहत मिली है.
- डीबीटी के जरिए लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंच रहे हैं, किसी को बैंक तक जाने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है.
- उज्जवला योजना से महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन मिला है.
- आरबीआई ने लोन में मध्यम वर्ग को राहत दी है.
- 30% लोन लेने वाले ग्राहकों ने अप्रैल में मॉरिटोरियम लिया
- सरकार पहले ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा कर दी है.
- 41 करोड़ बैंक खातों में 43 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं.
- 71738 मीट्रिक टन दाल वितरित की गई है.
- 18 हजार करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड करदाताओं को दिया गया है.
- इससे 14 हजार करोड़ करदाताओं को लाभ मिलेगा.
- कुटीर लघु उद्योग के लिए छह कदम उठाने की सरकार ने की घोषणा.
- MSME के लिए 3 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान
- कुटीर उद्योगों को बिना गिरवी के लोन मिलेगा
- कोई गारंटी देने की आवश्यकता नहीं है.
- चार वर्ष के लिए मिलेगा लोन, 12 महीने बाद चुकाना होगा.
- Funds of Fund का सरकार ने प्रावधान किया है.
- मुश्किल हालत में आए MSME के लिए विशेष योजना
- सरकार ने MSME की परिभाषा को बदला
- सेवा क्षेत्र में कार्यरत MSME और मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई को एक समान दर्जा
- एक करोड़ का निवेश और पांच करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी को सूक्ष्म उद्योग का दर्जा
- 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी को छोटे उद्योग का दर्जा
- जो MSME विस्तार चाहते हैं उनको ऐसा करना चाहते हैं.
- संकट में फंसे एमएसएमई को 20 हजार करोड़ रुपये की राहत
- 200 करोड़ का सरकारी टेंडर ग्लोबर टेंडर नहीं होगा
- सरकारी कंपनियों में जो भी भुगतान MSME का बचा है, वो 45 दिनों में दे दिया जाएगा.
- इन उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ खाते में जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है उनके लिए सरकार अगले तीन महीनों के लिए अंशदान करेगी.
- जून, जुलाई और अगस्त 2020 का 24 फीसदी पीएफ अंशदान कर्मचारियों और कंपनियों का सरकार वहन करेगी.
- पीएफ अंशदान को 12-12 फीसदी के बजाए 10-10 फीसदी किया गया है. हालांकि सरकारी कंपनियों में ऐसा प्रावधान नहीं किया गया है.
- NBFC के लिए 30 हजार करोड़ की लिक्विडिटी योजना
- पैसे की कमी से जूझ रहे NBFC को लोन देने के लिए सरकार गारंटर बनेगी
- बिजली वितरण कंपनियों को मिलेगा 90 हजार करोड़ का फंड
- पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और REC के जरिए मिलेगा इन कंपनियों को लोन
- आयकर रिटर्न को दाखिल करने की आखिरी तारीख को 30 नवंबर तक बढ़ाया गया है.
- पहले रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई और 31 अक्तूबर थी.
- करदाताओं को मिल गई है बड़ी राहत
- टीडीएस रेट में 25 फीसदी की कमी
- रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट को छह माह की राहत