नई दिल्ली। कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल जारी रखने पर नेशनल टास्क फोर्स और स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत गठित संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) फैसला करेगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आइसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 39 अस्पतालों में 464 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण किया गया था। कोरोना महामारी पर गठित नेशनल टास्क फोर्स और जेएमजी द्वारा इसके नतीजों का अध्ययन करने के बाद इसे जारी रखने पर अंतिम फैसला किया जाएगा। प्रथम दृष्टया यह कोरोना से मृत्युदर में कमी लाने और संक्रमण के प्रभाव को गंभीर होने से रोक पाने में कारगर नहीं दिखी है।
डॉ. भार्गव ने कहा कि विभिन्न तरह के वायरस संक्रमण के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का किसी न किसी रूप में पिछले 100 साल से उपयोग हो रहा है। इबोला में भी इसका इस्तेमाल हुआ था और कोरोना के इलाज में भी इसका प्रयोग किया गया है
कोरोना योद्धाओं के लिए बीमा योजना छह महीने तक बढ़ी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना की अवधि और छह महीने के लिए बढ़ा दी है। मंत्रालय के मुताबिक अभी तक इस योजना के तहत 61 दावों का निपटारा किया गया है। न्यू इंडिया एश्योरेंस (एनआइए) के पास अभी 156 क्लेम विचाराधीन हैं। जबकि 67 मामलों में अभी राज्यों की तरफ से फॉर्म नहीं जमा कराए गए हैं।
एक दिन में देश में सामने आए 83 हजार से ज्यादा केस
भारत में सोमवार को 24 घंटों में COVID-19 के 83,809 नए मामले सामने आए और 1,054 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही देश में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 49,30,237 हो गई है जिसमें से 9,90,061 सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा 38,59,400 लोग ठीक हो चुके हैं और देश में 80,776 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, रिकवरी रेट 78.28 फीसद है और मृत्यु दर 1.64 फीसद है।