Nagpur Hinsa Update: सोमवार शाम नागपुर में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज दूसरी एफआईआर के अनुसार, अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेता फहीम खान को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, खान ने लोगों को भड़काया और करीब 500 लोगों की भीड़ को इकट्ठा कर हिंसक झड़पों को अंजाम दिया।
फहीम खान की भूमिका पर पुलिस का बयान
टीवी9 भारतवर्ष की रिपोर्ट के मुताबिक, एफआईआर में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि फहीम खान ने भीड़ जुटाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। फहीम खान ने 2024 लोकसभा चुनाव में नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इसके बावजूद, उन्होंने अपने समर्थकों को उकसाकर हिंसा भड़काने का प्रयास किया।
भीड़ ने कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियाँ और अन्य खतरनाक हथियारों से लैस होकर इलाके में अराजकता फैलाई। पुलिस के अनुसार, इस पूरी घटना का उद्देश्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना और धार्मिक तनाव को बढ़ावा देना था।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रदर्शन के बाद बढ़ा तनाव
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिंसा तब शुरू हुई जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के सदस्यों ने गांधी गेट के पास विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी की और प्रतीकात्मक पुतला जलाया। इसके जवाब में, फहीम खान के नेतृत्व में एक भीड़ एकत्रित हुई, जिसने डर फैलाने के लिए हथियार लहराए और आक्रामक व्यवहार दिखाया।
पुलिस पर हमला और दंगे में महिलाओं से दुर्व्यवहार
पुलिस के अनुसार, भीड़ ने भलदारपुरा चौक इलाके में पुलिसकर्मियों पर पत्थरों और हथियारों से हमला किया। हिंसा को और अधिक भड़काने के लिए पेट्रोल बम फेंके गए।
घटनास्थल पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों को भीड़ ने परेशान किया। एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि रैपिड रिस्पांस टीम (आरसीपी) के एक अधिकारी को शारीरिक रूप से परेशान किया गया। महिला पुलिसकर्मियों के साथ अश्लील इशारे और अनुचित टिप्पणियां की गईं।
भीड़ द्वारा संपत्ति को नुकसान और वाहनों को आग के हवाले किया गया
स्थिति और अधिक बिगड़ गई जब भीड़ ने वाहनों पर हमला कर दिया। उन्होंने कारों को आग लगा दी और इलाके में सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, हिंसा के कारण व्यापारियों और आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
नागपुर पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने का अभियान शुरू कर दिया है। दंगा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है।
पुलिस द्वारा उठाए गए कदम:
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती
- दंगाइयों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच
- गिरफ्तारी के लिए छापेमारी और कड़ी कानूनी कार्रवाई
- इलाके में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ संवाद
सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती और प्रशासन की अपील
नागपुर प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देश:
- सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर कार्रवाई होगी।
- झूठी खबरें फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
- शहर में सुरक्षा के लिहाज से निगरानी ड्रोन और सीसीटीवी से की जा रही है।
- किसी भी अवांछित तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।
नागपुर में हुई हिंसा में अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फहीम खान की भूमिका उजागर होने के बाद पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। इस घटना ने शहर की शांति को गहरा आघात पहुँचाया है।
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों को जल्द से जल्द कानून के कठघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आम जनता को शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है।