नई दिल्ली, 27 जुलाई: प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को एक कथित धनशोधन मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ यहां की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मामले में संज्ञान के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की।
अदालत के सूत्रों के अनुसार, अंतिम रिपोर्ट में जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अजीत प्रसाद जैन और सुनील जैन के अलावा चार निजी फर्मों को आरोपी बनाया गया है।
सत्येंद्र जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत ने चिकित्सा आधार पर सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर भी विचार किया।
उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था।
ईडी ने सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत 24 अगस्त, 2017 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में एक मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करते हुए अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।