Home » देश » PM MODI और Jammu Kashmir के नेताओं के बीच खुशनुमा माहौल में हुई बैठक

PM MODI और Jammu Kashmir के नेताओं के बीच खुशनुमा माहौल में हुई बैठक

By SHUBHAM SHARMA

Published on:

Follow Us
pm-modi-jk-meating

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now
Shubham-Telecom-Seoni-Advt
Shubham Telecom Seoni Madhya Pradesh

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के 14 नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई, जिसे राज्य में विधानसभा चुनाव कराने और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली की ओर बड़ा कदम माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री के ‘7 लोक कल्याण मार्ग’ स्थित आधिकारिक आवास पर साढ़े तीन घंटे तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ अन्य नेता मौजूद थे।

इनमें सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने बैठक को सकारात्मक और सार्थक बताया। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के कथन का उल्लेख किया कि ‘यह दिल्ली और दिल की दूरी को कम करने का प्रयास है।’ निर्धारित समय से अधिक देर तक चली बैठक के बाद राज्य के विभिन्न नेताओं ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को फिर बहाल करने का मुद्दा नहीं उठाया गया। अधिकतर नेताओं का मानना था कि अनुच्छेद 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है तथा न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा की जानी चाहिए।

नेताओं का मुख्य जोर विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द कराए जाने पर था। राज्य के नेताओं के अनुसार मोदी और गृहमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और वहां शीघ्र चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।

केंद्र सरकार का कहना है कि उसकी सबसे पहली प्राथमिकता राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन है और दूसरे चरण के रूप में राज्य में चुनाव कराए जाने का प्रस्ताव है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की ओर से पांच मुख्य मांगें रखी गई, जिनमें राज्य में विधानसभा चुनाव कराने, पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग शामिल हैं।

आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ओर से संसद में यह आश्वासन दिया गया था कि सामान्य स्थिति कायम होने और समय जाने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वायदे पर अमल करने का यह सबसे अनुकूल समय है।

उन्होंने कहा कि राज्य में आतंकवाद काबू में है और शांति कायम है। सीमा पर सीजफायर लागू है। पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए इससे अनुकूल और कोई समय नहीं हो सकता। आजाद ने कहा कि पिछले दिनों राज्य में ब्लॉक पंचायतों और जिला परिषदों के चुनाव हुए हैं। अब इसका अगला स्वाभाविक कदम विधानसभा चुनाव होना चाहिए। कांग्रेस राज्य में जल्द से जल्द लोकतंत्र बहाली के पक्ष में है। कांग्रेस की ओर से बैठक में स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार गांरटी और भूमि अधिकार संबंधी मामला भी उठाया गया।

स्थानीय नागरिकों को अधिवास संबंधी अधिकार (डोमिसाइल) की गारंटी दिए जाने की बात भी कही गई। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की मांग को भी कांग्रेस ने उठाया। आजाद ने कहा कि राज्य से बाहर गए कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित माहौल में वापस लाना तथा उनका पुनर्वास करना हमारी मूलभूत जिम्मेदारी है।

आजाद ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद के घटनाक्रम में जिन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, उनकी रिहाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को राजनीतिक आधार पर जेल में बंद किया गया है तथा जिनका आतंकवादी गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं है, उन्हें रिहा किया जाना चाहिये।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं की बात बहुत गौर से सुनी। बैठक के दौरान उनका रवैया सकारात्मक था। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे राज्य के नेताओं के साथ ऐसी बैठक पिछले वर्ष ही बुलाना चाहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाया।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार की बैठक को मौजूदा दौर में हुई सबसे बड़ी बैठक बताया। प्रधानमंत्री नेताओं के इस तर्क से सहमत थे कि राज्य में शासन प्रशासन का काम नौकरशाही के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। नौकरशाही राजनीतिक नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकती।

आजाद ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि अच्छा होगा कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद राज्यपाल बना दिया जाए।

पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने भी प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक को सार्थक और सकारात्मक बताया। इन नेताओं का कहना था कि बैठक में भारतीय संघ और संविधान के दायरे में रह कर ही बात हुई।

प्रधानमंत्री के सामने विभिन्न नेताओं ने अपना दुख दर्द बयां किया। उन्होंने सबकी बात बहुत गौर से सुनी। बैठक में जिन 14 नेताओं ने भाग लिया, उनमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, ताराचंद, गुलाम अहमद मीर, नेशनल कांफ्रेंस के डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन के साथ ही जम्मू क्षेत्र से रविन्द्र रैना, निर्मल सिंह और कविंद्र गुप्ता, पैंथर पार्टी के प्रो. भीम सिंह और माकपा के एमवाई तरीगामी शामिल रहे।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

Leave a Comment

HOME

WhatsApp

Google News

Shorts

Facebook