नई दिल्ली: देशभर में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच अब सरकार का कहना है कि अब वह समय आ गया है कि जब हमें घर पर रहते हुए भी मास्क लगाने की जरूरत है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल (V K PAUL) ने आज 26 अप्रैल सोमवार को कहा कि यह समय किसी को भी घर पर आमंत्रण देने का कतई नहीं है बल्कि इस समय घर पर रहने पर भी मास्क लगाकर रहने का है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि आपको कोरोना वायरस संक्रमण के शुरुआती लक्षण दीखते है तोघर पर ही आइसोलेट होना भुत जरूरी है डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि शुरुआती लक्षण दिखने पर खुद को तत्काल बिना देरी किये घर पर ही आइसोलेट करें. उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट आने तक का इंतजार ना करें. क्योकि ऐसे समय में शुरुवाती लक्षणों में आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने की संभावना है, फिर भी आपको लक्षण को देखते हुए खुद को संक्रमित मानें और सभी प्रकार की कोरोना गाइडलाइन को फॉलो करें.
हालाँकि स्वास्थ्य संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मास्क नहीं लगाने पर जो खतरा बढेगा उस खतरे की बात की. उन्होंने कहा कि यदि दो लोग मास्क नहीं पहनते हैं मास्क ना पहनने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं तो इससे कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का खतरा 90 फीसदी तक बढ़ सकता है.
और यदि व्यक्ति मास्क लगाता है और कोरोना की सभी गाइडलाइन का पालन करता है तो खतरा 30 फीसदी तक कम हो सकता है.
1 संक्रमित व्यक्ति 406 लोगों को कर सकता है संक्रमित
उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताय कि अगर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है तो एक संक्रमित मरीज 30 दिनों में सिर्फ 30 दिनों के भीतर ही 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है. ऐसे में अगर कोरोना संबंधित गाइडलाइन (Corona Guidelines) का पालन किया जाता है तो यह खतरा तीस प्रतिशत तक कम हो सकता है.
सिर्फ 24 घंटे में कोरोना के साढ़े तीन लाख से ज्यादा केस
आपको यह भी जान लेना चाहिए कि 24 घंटे में देश में कोरोना के साढ़े तीन लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं. साथ ही 2812 मरीजों ने दम तोड़ दिया. हालाँकि अच्छी खबर यह भी है कि इन सबके बीच 24 घंटे में 2 लाख 19 हजार से ज्यादा मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए. अभी के आंकड़ो की बात करें तो देश में फिलहाल 28 लाख 13 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं.