Magh Purnima 2022: माघी पूर्णिमा 2022 (Magh Purnima 2022) के पर 16 फरवरी 2022 को देश की विभिन्न पवित्र नदियों में स्नान, दान और पूजा का बेहद ही ख़ास उल्लास रहने वाला है। इंदौर की बात करें तो इंदौर से इस ख़ास मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन-ओंकारेश्वर जाते है, सिर्फ इंदौर से ही नहीं देश के कई हिस्सों से लोग इस दिन उजैन क्षिप्रा और नर्मदा में स्नान के लिए पहुँचते है जिससे उन्हें मनचाहा फल और पापों से मुक्ति मिले।
मनोवांछित फल/ मनोकामनाए पूरी होने के लिए लिए भगवान् श्री लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाती है, इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर होली का डांडा भी गाड़ा जाता है, जिसके साथ ही रंगों के त्योहार “होली” की तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी 2022 को रात 9 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन 16 फरवरी की रात 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगीइस के साथ ही इस दिन अश्लेषा नक्षत्र दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक और शोभन योग रात 8 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
माघ मास माधव की पूजा का महीना है
माघ मास माधव की पूजा का महीना होता है इस दिन भगवान् श्री लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु को चंदन और फल चढ़ाएं
पंचांग के पांच अंगों की बात करें तो वार, तिथि, योग, नक्षत्र और कर्ण का ज्योतिष में विशेष रूप से महत्व होता है, किसी भी पर्व में पंचांग के इन सभी पांच अंगों की स्थिति श्रेष्ठ हो तो उसका महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। और इस बार माघी पूर्णिमा शोभन योग में है, इसी के चलते पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु के स्नान और पूजा के लिए उत्तम समय के समान हो गई है। इस दिन परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को चंदन और फल चढ़ाने से भी लाभ होता है।
रंगों के त्योहार फाल्गुन माह 17 फरवरी से
माघ मास की समाप्ति होते ही हिन्दू पंचांग का अंतिम मास फाल्गुन मास 17 फरवरी 2022 से प्रारंभ होगा जो 18 मार्च 2022 तक चलेगा, इस समय भगवान् शिव पूजा के पर्व महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) के साथ रंगों का पर्व होली (Holi 2022) और रंगपंचमी (Rang Panchmi 2022) भी मनाई जाएगी।
इस महीने में कई तीज-त्योहार आएंगे
- 26 फरवरी को विजया एकादशी
- 1 मार्च को महाशिवरात्रि
- 2 मार्च को फाल्गुन अमावस्या
- 4 मार्च को फुलेरा दूज
- 14 मार्च को आमलकी एकादशी
- 17 मार्च को होलिका दहन
इस महीने में मठों और मंदिरों के साथ-साथ विभिन्न संस्थान फाग उत्सव का आयोजन करेंगे।
माघ पूर्णिमा व्रत 2022 तिथि और महत्व: वह सब कुछ जो आपको जानना आवश्यक है
पूर्णिमा दिवस को पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। और माघ मास की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा का दिन बहुत महत्व रखता है क्योंकि इसे सत्यनारायण पूजा या इष्ट देवता / कुल देवता (सबसे प्रिय देवता) की पूजा के आयोजन के लिए एक आदर्श दिन माना जाता है।
इसके अलावा, इस दिन, लोग एक व्रत रखते हैं और चंद्रमा को देखने के बाद ही इसे तोड़ते हैं। इसके अलावा, लोग पवित्र जल में स्नान करने के लिए गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों के तट पर एकत्र होते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि माघ ग्रेगोरियन फरवरी से सहमत हैं। तो, माघ पूर्णिमा व्रत 2022 तिथि, महत्व और अन्य विवरण जानने के लिए पढ़ें।
माघ पूर्णिमा 2022 तारीख
इस साल माघ पूर्णिमा व्रत 16 फरवरी को मनाया जाएगा।
माघ पूर्णिमा 2022 तिथि का समय
पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी को रात 9:42 बजे शुरू होती है और 16 फरवरी को रात 10:25 बजे समाप्त होती है।
माघ पूर्णिमा का महत्व
माघ हिंदू कैलेंडर में सबसे पवित्र महीनों में से एक है क्योंकि यह भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है।
दिलचस्प बात यह है कि यह कुंभ मेला उत्सव से मेल खाता है, और इस दिन शाही स्नान (अनुष्ठान स्नान) में से एक होता है।
पूर्णिमा तिथि पर पवित्र जल में स्नान करने की परंपरा है, और माघ पूर्णिमा अलग नहीं है। इसलिए, लोग पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा आदि नदियों के तट पर आते हैं। पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति पापों से मुक्त हो सकता है और जन्म, जीवन और मृत्यु के दुष्चक्र से मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त कर सकता है।
प्रयागराज में संगम घाट (प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम), काशी (उत्तर प्रदेश में), हरिद्वार (उत्तराखंड) जैसे स्थान इस शुभ दिन पर मानवता के समुद्र का गवाह बनते हैं।
कई भक्त एक दिन का उपवास (व्रत) करते हैं और चंद्र देव (चंद्र देव) को अर्घ्य देने के बाद ही इसे तोड़ते हैं।