दिल्ली हाई कोर्ट से झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को करारा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें मधु कोड़ा को कोल ब्लॉक आवंटन मामले में दोषी करार किया था.
मधु कोड़ा की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी कि झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में बतौर उम्मीदवार उतरने के लिए हाई कोर्ट से उन्हें इजाजत दी जाए. मधु कोड़ा ने कोर्ट से दरखास्त की थी कि चुनाव लड़ने तक निचली अदालत के फैसले पर स्टे लगा दिया जाए.
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कोर्ट में मधु कोड़ा की अर्जी पर चली सुनवाई पर जांच एजेंसी सीबीआई ने इस अर्जी का पुरजोर विरोध किया और कहा था कि ऐसे मामलों में जब निचली अदालत किसी नेता को दोषी करार दे चुकी है तो चुनाव लड़ने की इजाजत किसी भी हाल में कोर्ट द्वारा नहीं दी जानी चाहिए. हालांकि झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 में हो चुके हैं, ऐसे में हाईकोर्ट से आए आदेश का मधु कोड़ा पर कोई फौरी असर नहीं होगा. लेकिन आज हाई कोर्ट से आए इस आदेश को बाकी के और मामलों पर लागू करना आसान होगा
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हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक वह पूरी तरह से कोल ब्लॉक आवंटन केस में निर्दोष साबित ना हो जाएं उन्हें किसी भी चुनाव को लड़ने की इजाजत देना गलत होगा. हाईकोर्ट ने इस अर्जी पर 19 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट निचली अदालत के उस आदेश को पर रोक लगा दी थी, जिसमें मधु कोड़ा को कोल ब्लॉक आवंटन मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई थी. हाई कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना मधु कोड़ा पर लगाते हुए उनको जमानत पर रिहा कर दिया था.
कोल ब्लॉक आवंटन मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली मधु कोड़ा की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट में अभी भी आगे सुनवाई होगी. आज का आदेश मधु कोड़ा की उस अर्जी पर आया है जिसमें उन्होंने झारखंड चुनाव में कोर्ट से चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी थी