LG ने पलटा दिल्ली सरकार का फैसला तो भड़की AAP, BJP पर लगाया यह गंभीर आरोप… एलजी अनिल बैजल के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा. AAP ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने LG पर दबाव डालकर घटिया राजनीति की है.
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (LG Anil Baijal) ने केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा. एलजी बैजल के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा. AAP ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने LG पर दबाव डालकर घटिया राजनीति की है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी की राज्य सरकारें PPE किट घोटालों और वेंटिलेटर घोटालों में व्यस्त हैं. दिल्ली सरकार सोच समझकर, ईमानदारी से इस डिज़ास्टर को मैनेज करने की कोशिश कर रही है. यह बीजेपी से देखा नहीं जा रहा इसलिए LG पर दबाव डालकर घटिया राजनीति की है.
उधर, पूर्वी दिल्ली से बीपेजी सांसद गौतम गंभीर ने एलजी के कदम की सराहना की. गौतम गंभीर ने ट्वीट करके कहा, ‘दिल्ली सरकार के अन्य राज्यों के रोगियों का इलाज नहीं करने के मूर्खतापूर्ण आदेश को खत्म करने के लिए LG की ओर से उत्कृष्ट कदम! भारत एक है और हमें मिलकर इस कोरोना वायरस की महामारी से लड़ना है!’
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच दिल्ली कैबिनेट ने रविवार को फैसला लिया था कि दिल्ली सरकार के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का इलाज होगा, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा.
उन्होंने बताया था कि दिल्ली में बढ़ते मामलों के चलते ये फैसले लिये गए हैं. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में देश भर के लोगों के इलाज हो सकेंगे. अरविंद केजरीवाल के अनुसार दिल्ली में जून के आखिरी तक 15 हजार बेड की जरूरत होगी, जबकि हमारे पास सिर्फ 10 हजार बेड हैं. ऐसे में अस्पतालों को सबके लिए खोला जाना संभव नहीं होगा.
केजरीवाल ने कहा था कि मार्च के महीने तक दिल्ली के सारे अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहे. किसी भी समय हमारे दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फ़ीसदी लोग दिल्ली से बाहर के थे लेकिन कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में आप की सरकार बेड का इंतजाम कर रही है. ऐसे में अगर दिल्ली के अस्पताल बाहर वालों के लिए खोल दिए तो दिल्ली वालों का क्या होगा. दिल्ली के 90 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि जब तक को रोना है तब तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज हो