Kumbh Mela 2021: क्या है कुंभ मेले में शाही स्नान का महत्व, विशेष फल की होती है प्राप्ति

By Khabar Satta

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Kumbh Mela 2021: कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है। कुंभ मेले में कई चीजें देखने को मिलती है जिनमें ललाट पर त्रिपुंड, शरीर में भस्म लगाए नागा साधुओं का हठ योग हो, साधना, विद्वानों के प्रवचन, अखांड़ों के लंगर, अध्यात्म और धर्म पर चर्चा शामिल होते हैं। कुंभ मेले का महत्व हिंदू धर्म में बेहद अहम होता है। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। महाशिवरात्रि पर भक्त, साधु, संत और साधु गंगा स्नान करने का इंताजर कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 मार्च को महाशिवरात्रि है और इस दिन हरिद्वार में पहला शाही स्नान होगा। इसके बाद दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को, तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल और फिर चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को शाही स्नान होगा। हालांकि, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए यहां पर आने वाले हर श्रद्धालु को नियमों का पालन करना होगा

शाही स्नान का महत्व:

हिंदू धर्म में कुंभ स्नान का महत्व बेहद विशेष बताया गया है। मान्यता है कि अगर व्यक्ति कुंभ स्नान करता है तो उसके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में पितृ का बहुत महत्व है। ऐसे में कहा जाता है कि अगर कुंभ स्नान किया जाए तो इससे पितृ भी शांत हो जाते हैं। इससे व्यक्ति पर आशीर्वाद बना रहता है।

कुंभ मेले के दौरान चाहें आप किसी भी दिन स्नान करें तो आपको विशेष फल की प्राप्ति होती है। लेकिन अगर आप शाही स्‍नान के द‍िन स्नान करते हैं तो उन्हें अमरत्‍व की प्राप्ति होती है। पहले शाही स्नान का नियम है कि इस दिन अलग-अलग अखाड़ों के साधु स्नान करते हैं। इसके बाद ही आम जनता को स्नान करने का मौका मिलता है। शाही स्नान में साधुओं का सम्मान एकदम राजशाही तरके से किया जाता है।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

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