होलिका दहन डेट, शुभ मुहूर्त के साथ जानिए होली में क्या करें और क्या न करें

By SHUBHAM SHARMA

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होली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला होलिका दहन – एक त्यौहार जिसमें अलाव जलाया जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। होलिका दहन में राक्षसी होलिका को जलाने का जश्न मनाने के लिए अलाव जलाना शामिल है – बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। जैसा कि अधिकांश हिंदू त्योहारों में होता है, एक शुभ समय होता है जिसे मुहूर्त कहा जाता है।

होलिका दहन की तारीख और मुहूर्त

होली 2024 25 मार्च को मनाई जाएगी जबकि छोटी होली या होलिका दहन 24 मार्च को है। होलिका दहन का शुभ समय रात 11:13 बजे से है 12:32 पूर्वाह्न। इसलिए होलिका दहन रात 11:13 बजे के बाद ही किया जाना चाहिए।

होलिका दहन पूजा अनुष्ठान

होलिका दहन के पूजा अनुष्ठान में व्यक्ति को होलिका की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। पूजा के लिए माला, फूल, कच्चा सूत, गुड़, रोली, गंध, साबुत हल्दी, मूंग, बताशा, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज, गेहूं की बालियां और एक लोटा पानी रखना चाहिए।

होली 2024: क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

  • पर्यावरण-अनुकूल रंगों का उपयोग करें: प्राकृतिक और हर्बल रंग सिंथेटिक रंगों की तुलना में कहीं बेहतर होते हैं।
  • हर किसी की सीमाओं का सम्मान करें: होली खेलते समय सीमाएं न लांघें क्योंकि इससे दूसरों को नुकसान हो सकता है।
  • खुद को हाइड्रेटेड रखें: होली खेलने से थकावट हो सकती है, इसलिए हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी पीते रहें।
  • नए कपड़े पहनने से बचें: रंगों को धोना मुश्किल हो सकता है, इसलिए सुरक्षित रहने के लिए पुराने कपड़े पहनें।
  • अपनी त्वचा और बालों को सुरक्षित रखें: होली खेलने के लिए बाहर निकलने से पहले अपने शरीर पर तेल या मॉइस्चराइजर लगाएं और अपने बालों में तेल लगाएं। इससे बाद में रंगों को धोना आसान हो जाता है और आपकी त्वचा और बालों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
  • मिठाइयाँ और नाश्ता बाँटें: होली खुशियाँ बाँटने का समय है। परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ पारंपरिक मिठाइयाँ और स्नैक्स साझा करें।

क्या न करें:

  • किसी को खेलने के लिए मजबूर न करें: भाग लेना या न लेना हर किसी की पसंद का सम्मान करें। कुछ लोग स्वास्थ्य कारणों या व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के कारण रंगों से नहीं खेलना पसंद कर सकते हैं।
  • पानी के गुब्बारों से बचें: हालांकि पानी के गुब्बारे मज़ेदार लग सकते हैं, लेकिन जबरदस्ती फेंके जाने पर वे चोट या परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसके बजाय सूखे या गीले रंगों का चयन करें।
  • ‘स्थायी’ रंगों के उपयोग से बचें: होली के दौरान उपयोग किए जाने वाले कुछ सिंथेटिक रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं जो त्वचा की एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
  • जानवरों पर रंगों का प्रयोग न करें: होली पालतू जानवरों और जानवरों के लिए कष्टकारी हो सकती है। उत्सव के दौरान उन्हें घर के अंदर रखें और उन पर रंग लगाने से बचें।
  • सार्वजनिक स्थानों का ध्यान रखें: सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलते समय ऐसी गंदगी पैदा करने से बचें जिससे दूसरों को असुविधा हो। स्वयं सफाई करें और कचरे का उचित निपटान करें।
  • दूसरों की संपत्ति का सम्मान करें: अजनबियों या उनकी संपत्ति पर उनकी सहमति के बिना जबरदस्ती रंग लगाने से बचें। हर किसी के स्थान और सामान का सम्मान करें।

गुरुदेव श्री कश्यप कहते हैं, “क्या करें और क्या न करें इन बातों का पालन करके, आप इसमें शामिल सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित और आनंदयक होली उत्सव सुनिश्चित कर सकते हैं।

होली, भारतीय समाज में बहुत ही लोकप्रिय है और यह उत्सव रंगों की खुशी का प्रतीक है। यह हिंदू परंपरा के हिस्से के रूप में मनाया जाता है और हर साल लोग इसे बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं। होली के इस उत्सव में रंगों का खेल, गाने, नृत्य, और साथ में विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का आनंद लिया जाता है। लेकिन, इस उत्सव के दौरान हमें सावधानी बरतने की जरूरत होती है ताकि हमें किसी भी प्रकार का चोट या अन्य समस्याओं से निपटना न पड़े।

गुरुदेव श्री कश्यप के निर्देशनों का महत्व

गुरुदेव श्री कश्यप ने होली के उत्सव को सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए अपने निर्देश दिए हैं। उन्होंने होली के दौरान क्या करें और क्या न करें के महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जिन्हें अपनाकर हम सभी इस उत्सव को बेहद खास बना सकते हैं। उनके निर्देशों का पालन करके हम होली के उत्सव को सुरक्षित और धर्मनिष्ठ तरीके से मना सकते हैं।

निर्देश: होली 2024 का तिथि और मुहूर्त

होली 2024 का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा। छोटी होली या होलिका दहन 24 मार्च को होगा। गुरुदेव श्री कश्यप के अनुसार, होलिका दहन का शुभ समय रात 11:13 बजे से है 12:32 पूर्वाह्न। इसलिए होलिका दहन रात 11:13 बजे के बाद ही किया जाना चाहिए। इससे पूर्व 24 मार्च को होलिका दहन की पूजा की जाएगी।

निर्देश: होली खेलने के सुझाव

होली के उत्सव के दौरान हमें सावधानी बरतने के साथ-साथ होली का आनंद भी लेना चाहिए। गुरुदेव श्री कश्यप ने होली खेलने के सुझाव भी दिए हैं जो हमें इस उत्सव को सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

  • पर्यावरण-अनुकूल रंगों का उपयोग करें: प्राकृतिक और हर्बल रंग सिंथेटिक रंगों की तुलना में कहीं बेहतर होते हैं। यह आपकी त्वचा है इसलिए इसे अच्छे से सुरक्षित रखें।
  • हर किसी की सीमाओं का सम्मान करें: होली खेलते समय सीमाएं न लांघें क्योंकि इससे दूसरों को नुकसान हो सकता है। होली खेलते समय ध्यान रखें।
  • खुद को हाइड्रेटेड रखें : होली खेलने से थकावट हो सकती है, इसलिए हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी पीते रहें।
  • नए कपड़े पहनने से बचें: रंगों को धोना मुश्किल हो सकता है, इसलिए सुरक्षित रहने के लिए पुराने कपड़े पहनें।
  • अपनी त्वचा और बालों को सुरक्षित रखें: होली खेलने के लिए बाहर निकलने से पहले अपने शरीर पर तेल या मॉइस्चराइजर लगाएं और अपने बालों में तेल लगाएं। इससे बाद में रंगों को धोना आसान हो जाता है और आपकी त्वचा और बालों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
  • मिठाइयाँ और नाश्ता बाँटें: होली खुशियाँ बाँटने का समय है। परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ पारंपरिक मिठाइयाँ और स्नैक्स साझा करें।

निर्देश: क्या न करें

  • होली के उत्सव के दौरान हमें सावधानी बरतने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिनसे हमें और हमारे आसपास के लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो:
  • किसी को खेलने के लिए मजबूर न करें: भाग लेना या न लेना हर किसी की पसंद का सम्मान करें। कुछ लोग स्वास्थ्य कारणों या व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के कारण रंगों से नहीं खेलना पसंद कर सकते हैं।
  • पानी के गुब्बारों से बचें: हालांकि पानी के गुब्बारे मज़ेदार लग सकते हैं, लेकिन जबरदस्ती फेंके जाने पर वे चोट या परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसके बजाय सूखे या गीले रंगों का चयन करें।
  • ‘स्थायी’ रंगों के उपयोग से बचें: होली के दौरान उपयोग किए जाने वाले कुछ सिंथेटिक रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं जो त्वचा की एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। प्राकृतिक, पर्यावरण-अनुकूल रंगों का प्रयोग करें।
  • जानवरों पर रंगों का प्रयोग न करें: होली पालतू जानवरों और जानवरों के लिए कष्टकारी हो सकती है। उत्सव के दौरान उन्हें घर के अंदर रखें और उन पर रंग लगाने से बचें।
  • सार्वजनिक स्थानों का ध्यान रखें: सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलते समय ऐसी गंदगी पैदा करने से बचें जिससे दूसरों को असुविधा हो। स्वयं सफाई करें और कचरे का उचित निपटान करें।
  • दूसरों की संपत्ति का सम्मान करें: अजनबियों या उनकी संपत्ति पर उनकी सहमति के बिना जबरदस्ती रंग लगाने से बचें। हर किसी के स्थान और सामान का सम्मान करें।
  • गुरुदेव श्री कश्यप कहते हैं, “क्या करें और क्या न करें इन बातों का पालन करके, आप इसमें शामिल सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित और आनंददायक होली उत्सव सुनिश्चित कर सकते हैं।”

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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