संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में होगी भारत की एंट्री, 17 जून के चुनाव में भारतीय दावेदारी निर्विरोध

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक दशक बाद भारत एक बार फिर एंट्री करने जा रहा है. परिषद की अस्थाई सीट के लिए 17 जून को होने वाले चुनाव में भारत के निर्विवाद निर्वाचन से पहुंचने की पूरी उम्मीद है. भारत वर्ष 2021-22 के बीच सुरक्षा परिषद सदस्य के तौर पर मौजूद होगा.

कोविड19 संकट के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बदलते समीकरणों के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे ताकतवर हॉर्स शू टेबल पर भारत की मौजूदगी कई मायनों में अहम होगी. इस मेज पर पहुंचने के बाद चीन के लिए भारत के खिलाफ किसी मीटिंग को आयोजित करना या प्रस्ताव लाना जहां मुश्किल होगा. वहीं मसूद अजहर समान आतंकियों को यूएन सूची में डलवाने के प्रयासों जैसी कोशिशों को अधिक रोकना भी कठिन होगा.

भारत के लिए यह सुरक्षा परिषद की सदस्यता ऐसे समय आ रही है जब देश आजादी की 75वीं सालगिरह भी मना रहा होगा. वहीं पहली बार एनडीए सरकार के राज में भारत के पास सुरक्षा परिषद की सदस्यता होगी. ऐसे में यह देखना होगा कि मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व के साथ भारत सीरिया, इजराइल-फिलीस्तीन और ईरान जैसे मुद्दों पर क्या रुख अपनाता है.

सुरक्षा परिषद में मौजूदगी से किसी भी देश की यूएन प्रणाली में दखल और दबदबे का दायरा बढ़ जाता है. ऐसे में 10 साल बाद भारत की सुरक्षा परिषद में दो साल के लिए पहुंचना खासा अहम होगा. भारत इससे पहले सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत क्लीन स्लेट एंट्री करेगा. यानी एशिया-प्रशांत क्षेत्र से चुनाव में खड़े हो रहे भारत के खिलाफ कोई दूसरी दावेदारी नहीं है. ऐसे में भारत का भारी बहुमत से जीतना लगभग तय माना जा रहा है.

सुरक्षा परिषद के ताजा कार्यकाल में भारत अस्थाई सदस्यों के ई-10 समूह का भी सबसे बड़ा मुल्क होगा. ऐसे में जानकारों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस के लिए भी भारत को साधना अहम होगा. यूएन में 55 देशों वाले एशिया प्रशांत समूह ने पहले ही भारत को अपनी तरफ से नामित कर दिया था. भारत इससे पहले 1950 से लेकर अब तक सात बार सुरक्षा परिषद का सदस्य रह चुका है. पिछली बार 2011-12 में भारत इस मेज पर सदस्य के तौर पर मौजूद था. भारत दस साल के अंतराल पर अस्थाई सदस्यता का चुनाव लड़ता है. हालांकि भारत की ही तरह सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता की मांग कर रहा जापान जैसा जी-4 का देश प्रत्येक 5 साल में अस्थाई सदस्यता हासिल करता है.

कोविड संकट के बीच होगा यूएन का यह चुनाव

सुरक्षा परिषद की पांच अस्थाई सीटों के लिए हो रहा चुनाव इस बार कई मायनों में खास है. कोरोना संकट के बीच बीते तीन महीनों से बंद संयुक्त राष्ट्र संघ कार्यालय में जहां बीते तीन महीने से बैठकें नहीं हुई है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग प्रावधानों के चलते इस बार सुरक्षा परिषद सदस्यों का यह चुनाव तीन दिन चलेगा जिसमें अलग अलग क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के लिए चुनाव होने हैं.

निर्धारित चुनाव प्रक्रिया के तहत सीक्रेट बैलेट के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुरक्षा परिषद सदस्यों का चुनाव होता है. इस बार कोविड संकट के बीच इस बात की भी कोशिश हो रही थी कि बिना प्रतिस्पर्धा के खड़े हो रहे भारत जैसे देशों का चुनाव साइलेंट प्रोसीजर से हो जाए जिसमें एक निर्धारित अवधि तक आपत्ति न आने पर उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जाए. हालांकि कई देशों का मत था कि सुरक्षा परिषद चुनावों की पारंपरिक प्रक्रिया का पालन करना ही अधिक बेहतर है.

माना जा रहा है कि 193 सदस्य देशों वाले यूएन में भारत 180 से अधिक वोट बड़ी आसानी से इस चुनाव में हासिल कर सकता है. हालांकि बीते साल वियतनाम ने 192 मत हासिल किए थे. अगले साल खत्म हो रहे जापान और दक्षिण अफ्रीका के कार्यकाल के बीच भारत सुरक्षा परिषद में जी-4 का अकेला नुमाइंदा होगा. महत्वपूर्ण है कि भारत समेत जी-4 मुल्क सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट पर दावेदारी के साथ इसके कामकाज में व्यापक सुधारों की मांग कर रहे हैं

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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