नई दिल्ली, । केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के व मध्यम लक्षण वाले कोरोना के मरीजों के लिए होम आईसोलेशन यानि घर पर ही पृथकवास में रहने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि हल्के, मध्यम लक्षण वाले कोरोना के मरीज घर पर ही ठीक हो सकते हैं। होम आइसोलेशन में 10 दिनों तक रहने और लगातार तीन दिनों तक बुखार न आने की स्थिति में होम आइसोलेशन से मरीज बाहर आ सकते है और उस समय टेस्टिंग की जरूरत नहीं है।
नए दिशा- निर्देश के तहत होम आईसोलेशन में कोरोना मरीज की देखरेख करने वाले लोगों को भी मास्क और विशेष ऐतिहात बरतने की आवश्यकता है। मरीज को अलग कर उसकी कोई भी चीज का इस्तेमाल दूसरे लोग बिलकुल न करें। वे डॉक्टरों के संपर्क में रहें।
स्टीरॉड व रेमडेसिविर लेने से हो सकता है नुकसान
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि अधिकांश मरीज घर पर ही ठीक हो सकते हैं। अगर मरीज को सांस लेने में समस्या आती है, ऑक्सीजन लेवल 94 फीसदी से नीचे आता है, सीने में दर्द होता या अन्य कोई समस्या आ रही है तो डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए।
ड़ॉक्टर की सलाह से ही स्टीरॉयड व रेमडेसिविर लें अन्यथा मरीजों को इनसे नुकसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि नए दिशा-निर्देशों के तहत घर पर रह रहे मरीजों के लिए दवाओं में आईवरमेक्टिन, पैरासीटामोल व भांप लेने की सलाह दी गई है।
अगर मरीज को फैसले लेने में समस्या आ रही हो, या सांस लेने में दिक्कत आ रही हो यानि एसओपी-95 से नीचे हो तो तुरंत चिकित्सकों की सलाह लेनी चाहिए।
ब्रेक दी चेन अभियान शुरू करें लोग
उन्होंने बताया कि राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों में कोरोना के मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को कोई दिक्कत न हो और उन्हें सही सलाह मिले इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके साथ लोगों को भी वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए जागरुकता अभियान शुरू करना चाहिए।
अगर ऐसे ही कोरोना फैलता रहा तो आने वाले दिनों में अस्पताल व्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए अब लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है। भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में न खुद जाएं और न ऐसा होने दें। घर से निकलने से पहले मास्क लगाएं और दो गज की दूरी अपनाएं।