Holika Dahan Ujjain Mahakal Mandir: उज्जैन बाबा महाकाल मंदिर के पुजारियों के द्वारा सदियों से चली आ रही परंपरानुसार ही इस बार भी होलिका दहन और धुरेडी मनाई जाएगी.
उज्जैन बाबा महाकाल के दरबार में होलिका दहन मंदिर परिसर में 6 मार्च को शाम के समय होगा. हमेशा की तरह इस बार भी भारी संख्या में भक्त भी उपस्थित रहते हैं।
इन सबमे ख़ास बात तो यह है कि मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार होलिका दहन के 36 घण्टे बाद यानी 8 मार्च को शहरवासी धुरेंडी पर्व मनाएंगे और अबीर-गुलाल उड़ाएंगे।
क्या कहता है धर्मसिंधु ग्रंथ
ज्योतिषाचार्य पं.हरिहर पण्ड्या के अनुसार धर्मग्रंथ: धर्मसिंधु की मान्यता का पालन होता है। ग्रंथ के पृष्ठ क्रं.218 से 220 तक इस संदर्भ में स्पष्ट रूप से रभद्रा/प्रदोष काल/पूर्णिमा तिथि का अलग-अलग विवेचन किया गया है। संयुक्त गणना का निष्कर्ष है कि 6 मार्च को प्रदोष काल में होलिका दहन शास्त्र सम्मत है। इस समय भद्रा का कोई दोष मान्य नहीं है। वैसे भी 7 मार्च की संध्या में पूर्णिमा काल नहीं मिलेगा। अत: शास्त्र अनुसार पूर्णिमा के एक दिन बाद यानी 7 मार्च को धुरेंडी पर्व मनाया जाना चाहिए।