वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी (Gyanvapi Gauri Shrangar) मामले में जैसे ही अदालत ने अपना फैसला दिया वैसे ही वैसे ही सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन (Muslim Mahila Foundaion) की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी (Najneen Ansari) के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की आरती कर बैण्ड-बाजे के साथ जश्न मनाया।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी (Gyanvapi Shrangar Gauri) मामले में जैसे ही अदालत ने यह फैसला सुनाया कि आदि विश्वेश्वर-ज्ञानवापी का मुकदमा सुनने योग्य है, हालांकि जबसे ये मामला चल रहः है उसी समय से से ही मुस्लिम महिलाएं ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में शुरू से ही हिन्दू पक्ष के साथ हैं और औरंगजेब के कलंक से काशी-विश्वनाथ (Kashi Vishvnath) मंदिर को मुक्त कराना चाहती हैं।
बार-बार मुसलमानों से अपील कर रही हैं कि जिसका जो हक है उसे वो खुद सौंप दें, तभी इस्लाम की इज्जत बढ़ेगी मुस्लिम महिलाओं ने ‘ओम नमः शिवाय’ के साथ आरती कर यह संदेश तो दे ही दिया कि वो किसी कीमत पर नफरत नहीं फैलने देंगी।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि जब हमारे पूर्वज हिन्दू थे तो वो तो आदि विश्वेश्वर की पूजा करते ही थे। आदि विश्वेश्वर पर कोई मुगल आक्रांता औरंगजेब कब्जा कैसे कर सकता है। मुगलों के पाप और कलंक को कोई मुसलमान न ढोए।
मंदिर तोड़ा गया इसके हजारों सबूत हैं। हम सभी अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। नजमा परवीन ने कहा कि सारे मुसलमान पैगम्बर के बताए रास्ते पर चलकर हक की बात करें और शांति का रास्ता अपनाएं। अदालत के हुक्म की तामील करें।