नई दिल्ली/मुंबई: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का एकल आधार पर शुद्ध लाभ 2019-20 की मार्च तिमाही में चार गुना उछलकर 3,580.81 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पूरे वित्त वर्ष में उसे रिकार्ड लाभ हुआ है.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में एकल आधार पर 838.4 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
वहीं पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक का शुद्ध लाभ 14,488 करोड़ रुपये रहा जो एक रिकार्ड है. इसका मुख्य कारण क्रेडिट कार्ड कारोबार से जुड़ी अनुषंगी कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री और फंसे कर्ज में कमी आना है
हालांकि, बैंक का 2019-20 की चौथी तिमाही में लाभ तिमाही दर तिमाही आधार पर कम है. इससे पिछली दिसंबर तिमाही में एसबीआई को 5,583.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
एसबीई के अनुसार, ‘बैंक को 2019-20 की चौथी तिमाही में 3,581 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो 2018-19 की चौथी तिमाही के मुकाबले 327 प्रतिशत अधिक है.
भारतीय स्टेट बैंक के बयान के अनुसार, ‘पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक का शुद्ध लाभ 14,488 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 862 करोड़ रुपये था. यह बैंक का किसी एक वित्त वर्ष में सर्वाधिक शुद्ध लाभ है.’
बैंक ने एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विसेज और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेची. इससे बैंक को 2019-20 में अब तक का सर्वाधिक लाभ हुआ है.
एसबीआई ने कहा कि 2019-20 में उसे एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने से दूसरी तिमाही में 3,484.30 करोड़ रुपये और एसबीआई कार्ड में मार्च तिमाही में हिस्सेदारी बेचने से 2,731.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ.
बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोविड-19 से पहले भी स्थिति कोई अच्छी नहीं थी. उसके बावजूद बैंक ने 2019-20 में 14,488 करोड़ रुपये का लाभ कमाया जो एसबीआई के इतिहास में सर्वाधिक है. हम लगातार संपत्ति गुणवत्ता के साथ प्रावधान अनुपात तिमाही-दर-तिमाही सुधारने में कामयाब हुए हैं.’
उन्होंने कहा कि बैंक के कुल खुदरा ग्राहकों में से करीब 21 प्रतिशत ग्राहकों ने कर्ज लौटाने के लिये आरबीआई की तरफ से दी गयी तीन महीने की मोहलत का लाभ उठाया है.
कुमार ने कहा कि बैंक ने सभी ग्राहकों को कर्ज लौटाने के लिये मोहलत की सुविधा दी थी लेकिन करीब 82 प्रतिशत ने दो या उससे अधिक किस्तें तथा 92 प्रतिशत ने एक या उससे अधिक किस्तें मार्च से मई के दौरान दी.
केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए शुरू में कर्ज लौटाने के मामले में तीन महीने यानी 31 मई तक की मोहलत दी थी. बाद में इसे तीन महीने के लिये और बढ़ा दिया गया.
कुमार ने कहा, ‘अभी तीन महीने की अवधि शुरू हुई है लेकिन मेरा मानना है कि आंकड़ा (कर्ज लौटाने से तीन और महीने की राहत का लाभ लेने वालों की संख्या) पहले तीन महीने से बहुत अलग नहीं होगा. हो सकता है कि यह जून-अगस्त के दौरान और बेहतर हो क्योंकि हम अब लॉकडाउन से बाहर निकल रहे हैं.’ बैंक की कुल एकल आय 31 मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में 76,027.51 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में 75,670.5 करोड़ रुपये थी
पूरे वित्त वर्ष की यदि बात की जाये तो बैंक की आय बढ़कर 2,96,329.43 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2018-19 में 2,78,082.99 करोड़ रुपये थी. बैंक का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसपंत्ति) पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में सुधरकर कुल कर्ज का 6.15 प्रतिशत रहा जो 2018-19 की इसी तिमाही में 7.53 प्रतिशत था.
एसबीआई का शुद्ध एनपीए आलोच्य तिमाही में 2.23 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में 3.01 प्रतिशत था. एनपीए में कमी से चौथी तिमाही में उसका प्रावधान घटकर 13,495.08 करोड़ रुपये पर आ गया जो एक साल पहले इसी तिमाही में 16,501.89 करोड़ रुपये था. बैंक ने यस बैंक में 6,050 करोड़ रुपये निवेश किया है जो निवेश के बाद इक्विटी पूंजी का 48.21 प्रतिशत है