हमेशा एक मशाल की तरह राह दिखाते रहेंगे गांधी, स्‍वराज रहा उनके जीवन का आदर्श

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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गांधी जी को मानव मुक्ति के अप्रतिम मसीहा के रूप में याद किया जाता है। उनके जाने के बहत्तर वर्ष बाद भी जीवन की बहुविध समस्याओं के लिए आज भी हमारी नजर उनकी तरफ उठ खड़ी होती है, गोया वही ‘केवल जलती मशाल’ हों । मानव इतिहास के विराट रंगमंच पर गांधी हमारे लिए रचनात्मक ऊर्जा के एक अक्षय स्रोत के रूप में प्रकट होते हैं। स्वच्छता और महिलाओं के उत्थान को महत्वपूर्ण स्थान देते हुए रचनात्मक कार्यक्रमों के बहाने उन्होंने भारत के भविष्य की सुंदर तस्वीर हमारे सामने पेश की।

अफ्रीका से लौटकर गुरु निर्देश पर उन्होंने हिंदुस्तान का भ्रमण किया और तीर्थ स्थलों से लेकर गांव-शहर की गलियों में पसरी शारीरिक और मानसिक गंदगी उनके लिए एक तरफ ‘भयानक अनुभव’ साबित हुआ तो दूसरी ओर ‘महामारियों से गांवों का नाश न होने’ पर आश्चर्य भी हुआ। वह यह स्वीकार करते हैं कि ‘हमने पिछले सौ वर्षों में जो शिक्षा पाई है, उसका हमपर रत्ती भर भी असर नहीं पड़ा है’। स्वराज गांधी का जीवन आदर्श है, जिसे बहादुर और मन से शुद्ध तथा स्वच्छ लोग ही प्राप्त कर सकते हैं। वह स्वराज और स्वच्छता की लड़ाई एक ही साथ लड़ने के पक्ष में हैं, आगे पीछे के क्रम में नहीं।

गांधी एक मंझे हुए कलाकार हैं। किसी चीज को और कैसे गरिमा के साथ उसके महत्व को सामने लाया जाए, इसे वह बखूबी जानते हैं। वह साफ-सफाई के काम को केवल सुंदर कला की संज्ञा ही नहीं देते हैं, बल्कि उसे करने का तरीका और उसके उपकरण के भी साफ होने पर जोर देते हैं जिससे कि स्वच्छता की भावना को ठेस न पहुंचे। चूंकि मां ही बचपन में उनकी साफ-सफाई का काम देखती थीं। इसलिए मां को भी सफाई कर्मी मानते हैं और इसका विस्तार करते हुए इसे पूरे समाज के स्वास्थ्य की सुरक्षा से जोड़ देते हैं। पेट पालने के लिए मैला सिर पर ढोने को एक सामाजिक कलंक के रूप में देखते हैं। इसके समाधान के लिए वह किसी वैज्ञानिक तरीके के ईजाद पर जोर देते हैं। इस प्रकार समाज में निम्न दर्जा प्राप्त सफाई कर्म को वह उच्च स्तर पर रखते हैं और हर व्यक्ति तथा ग्राम सेवक दोनों से आह्वान करते हैं कि वे सबसे पहले गांव की सफाई के सवाल को अपने हाथ में लें और गांव के रास्ते बुहारने शुरू करें ।

गांधी जी की नजर में स्वच्छता अभियान की सफलता और महिला उत्थान में अन्योनाश्रित संबंध है। चंपारण की भूमि पर ही वह समझ गए थे कि आजादी की असली लड़ाई तो घर से ही शुरू करनी होगी। इसके लिए उन्होंने अपने सहयोगियों और बा के साथ मिलकर महिलाओं को जागरूक किया। धीरे-धीरे महिलाएं गांधी जी के स्वच्छता अभियान से जुडीं। गांधी जी ने महिलाओं का भरोसा जीता और महिलाओं ने भी उनको निराश न करते हुए अपने घर की देहरी लांघकर उनके सत्याग्रह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनकी नजर में महिलाएं समान मानसिक क्षमता के साथ पुरुष की साथी हैं। स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के पीछे उनका लक्ष्य यही था कि समाज में स्वस्थ और शुभ बदलाव के लिए आधी आबादी का योगदान बहुत आवश्यक है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए उनके हाथ में चरखा रख दिया जिससे दो पैसे उनके हाथ में आएं और वे स्वावलंबी बनकर अपने जीवन को और बेहतर बना पाएं । गांधी जी ने स्त्रियों से आह्वान करते हुए कहा कि जब भी उनके साथ दुव्र्यवहार की घटना हो तो हिंसा-अहिंसा का विचार न कर ईश्वर प्रदत्त बल का प्रयोग करें, क्योंकि उस समय आत्मरक्षा ही उनका परम धर्म है। कह सकते हैं कि आज मनुष्य जिस चौराहे पर खड़ा है उसके पास एकमात्र मार्ग है गांधी मार्ग, जो सत्य और सेवा के जरिए संपूर्ण मानवता के कल्याण का पक्षधर है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.