डिब्रूगढ़। संगठन वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाने वाले चार खालिस्तानी समर्थक अलगाववादियों को गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा कारणों के चलते पंजाब से डिब्रूगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया है।
यह चारो कड़ी सुरक्षा में रविवार को डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की योजना के अनुसार पंजाब से गिरफ्तारी खालिस्तानी समर्थक चारो अलगाववादियों को कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को डिब्रूगढ़ लाया गया है। सुबह करीब 11 बजे पंजाब पुलिस की टीम चारो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादियों के साथ एक विशेष विमान से डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी हवाई अड्डे पर पहुंची।
वहां से कड़ी सुरक्षा के बीच चारो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादियों को लंबे काफिले के साथ डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया। इस दौरान यहां जेल महानिरीक्षक जीपी सिंह की देखरेख में 27 पुलिसकर्मी कड़ी सुरक्षा में तैनात रहे। पुलिस और खुफिया बल खालिस्तानी कट्टरपंथियों को इस जेल में रखकर उनसे खुफिया इनपुट हासिल करने की कोशिश करेंगे।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गिरफ्तार खालिस्तानी कट्टरपंथियों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में स्थानांतरित करने की योजना की रूपरेखा पहले ही तैयार कर ली थी। राज्य के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह हाईस्कूल परीक्षा के प्रश्नपत्रों के दौरान 14 मार्च को डिब्रूगढ़ गए थे।
उस दिन डीजीपी सिंह ने डिब्रूगढ़ सहित छह पुलिस जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ छह घंटे तक मैराथन बैठक की थी। डीजीपी सिंह ने डिब्रूगढ़ के अपने दौरे के दौरान डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का भी दौरा किया था।
इस मामले में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम में भी एक समय गिरफ़्तारी हुई थी, सुरक्षा के मद्देनज़र बिहार के भागलपुर जेल तक लोगों को भेजा था। शायद पंजाब पुलिस के मन में है कि थोड़े दिन असम में रहे, यह तो पुलिस से पुलिस के सहयोग की बात है।