दिवाली 2021, माँ लक्ष्मी जी की आरती: दिवाली एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। लोग अपने घरों में दीप जलाकर दीपावली को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। पंचाग के अनुसार दीपावली इस बार कार्तिक मास की अमावस्या को 4 नवंबर को मनाई जा रही है.
दिवाली के त्योहार में मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। यह पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।माँ लक्ष्मी की पूजा के बाद मणि आरती अवश्य करनी चाहिए। लक्ष्मीजी की आरती के बिना पूजा पूरी तरह फलदायी नहीं होती।
दिवाली में लक्ष्मी पूजा का शुभ क्षण
कार्तिक अमावस्या की तिथि गुरुवार, 4 नवंबर को सुबह 6 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और 5 नवंबर को दोपहर 2:44 बजे समाप्त होगी. दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक और रात 8 बजे से 20 बजे तक है.
इस साल दिवाली में क्या है खास?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीपावली के दिन सूर्य, बुध, मंगल, चंद्रमा और तुला राशि में चार बड़े ग्रह गोचर करेंगे। तुला राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है।
तो उस दिन दिवाली की छुट्टी विशेष रूप से फलदायी विकल्प होगी। षोडसपचार द्वारा मां लक्ष्मी और गणेशजी के अनुष्ठान कथन की पूजा की जाती है और थाल धारण करने के बाद मां लक्ष्मी की आरती का विशेष महत्व है।
कहा जाता है कि अगर मां लक्ष्मी की पूजा के बाद आरती नहीं की जाती है तो यह पूजा अधूरी मानी जाती है और विशेष फलदायी नहीं होती है.