नई दिल्ली: दिवाली या दीपावली का पहला दिन ‘धनतेरस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, दिवाली का सामान खरीदते हैं और मिठाइयां बनाते हैं।
धनतेरस को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस को उस दिन के रूप में भी मनाया जाता है जब ‘अमृत कलश’ की खोज आयुर्वेद के पिता भगवान धन्वंतरि ने समुद्र मंथन करके की थी।
यह कार्तिक मास के 13वें दिन पड़ता है। इस दिन को ‘उदयव्यपिनी त्रयोदशी’ के नाम से भी जाना जाता है।
धनतेरस को सोना या रसोई का नया सामान खरीदने के लिए भाग्यशाली दिन माना जाता है।
दीपों का त्योहार दीपावली धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज पर समाप्त होता है।
इस साल धनतेरस 2 नवंबर मंगलवार को मनाया जाएगा।
धनतेरस शुभ मुहूर्त:
धनतेरस मुहूर्त:18:18:22 से 20:11:20
अवधि:1 घंटा 52 मिनट
प्रदोष काल:17:35:38 से 20:11:20
वृषभ काल:18:18:22 से 20:14:13
धनतेरस पर आप जो चीजें खरीद सकते हैं:
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की विशेषता वाले चांदी के सिक्के

दिवाली पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों की पूजा की जाती है।

इस दिन सोने के आभूषण भी खरीदे जाते हैं।

इस दिन स्टील और पीतल के बर्तन भी खरीदे जाते हैं।

इस दिन घरेलू और निजी इस्तेमाल के इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खरीदे जा सकते हैं।

बहुत से लोग इस दिन नया वाहन लेकर आते हैं इसलिए यदि आप वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह दिन बहुत शुभ रहेगा।

इस दिन झाड़ू-जिसे ‘लक्ष्मी’ कहा जाता है, की भी खरीदारी की जाती है। इस दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
