कोरोना : शुरू हुआ Rapid Test , जानें इस टेस्ट के बारे में सबकुछ

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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Corona: Rapid Test Begins, Learn Everything About This Test आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सोमवार से दिल्ली और उत्तराखंड में एंटी बॉडी रैपिड टेस्ट (Rapid test) की शुरुआत होने जा रही है। रैपिड टेस्ट (Rapid test) राजधानी दिल्ली के हॉटस्पॉट पर किए जाएंगे, जिससे संक्रमण का लक्षण दिखने वाले लोगों को क्वारंटाइन करके संक्रमण को रोका जा सके। सरकार ने सात दिन में 42 हजार रैपिड टेस्ट करने का लक्ष्य रखा है। 

दिल्ली के स्वास्थ्यमंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि सरकार के पास 42 हजार रैपिड टेस्ट किट आएं है। दिल्ली में सिर्फ हॉट स्पॉट इलाके में ही इस किट का प्रयोग किया जाएगा। जांच करने वाली टीमों का प्रशिक्षण हो चुका है। रविवार को एलएनजेपी अस्पताल में इसका ट्रायल हुआ है। सोमवार से टीम अलग-अलग हॉट स्पॉट में जाकर जांच का काम शुरू करेगी। इससे हम संक्रमित लोगों के शुरूआती लक्षण पता चल जाएंगे। उन्हें अलग रखकर इलाज करने में सहायता मिलेगी। 

टीम हॉट स्पॉट इलाके में जाकर ही रैपिड टेस्ट करेगी। मध्य जिला के जिलाधिकारी ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ग्लास के केबिन वाला एक खास वैन तैयार करवाया है। डॉक्टरों की टीम उस केबिन के अंदर बैठकर संदिग्ध कोरोना मरीजों का सैंपल ले सकेंगे। इससे स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण का खतरा कम होगा। उन्हें उस समय पीपीई किट पहनने की भी जरूरत नहीं होगी। 

रैपिड टेस्ट (Rapid test) के बारे में जानें सबकुछ

1. क्या होता है रैपिड टेस्ट (Rapid test)?
जब आप किसी वायरस या और किसी पैथोजन से संक्रमित होते हैं, तो शरीर उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाता है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए इन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। खून में मौजूद एंटीबॉडी से ही पता चलता है कि किसी शख्स में कोरोना या किसी अन्य वायरस का संक्रमण है या नहीं। 

2. Rapid test कैसी होती है इसकी जांच ?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक खांसी, जुकाम आदि के लक्षण दिखने पर पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाता है और उसके बाद उस व्यक्ति के खून के नमूने लेकर एंटीबॉडी टेस्ट या सीरोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं। जिसका परिणाम भी आधे घंटे के अंदर आ जाता है। 

3. Rapid test में जांच में क्या पता करते हैं ?
इसमें देखते हैं कि संदिग्ध मरीज के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रही है या नहीं। वायरस से होने वाला संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाने के बाद भी ये एंटीबॉडी शरीर में कुछ समय तक मौजूद रहते हैं। इससे डॉक्टरों को यह पहचानने में मदद मिलती है कि मरीज पहले संक्रमित था या नहीं।

4. Rapid test में पॉजिटिव मिले तो क्या होगा ?
अगर कोई व्यक्ति एंटीबॉडी टेस्ट में पॉजिटिव आता है तो डॉक्टरी परीक्षण के बाद उसका इलाज अस्पताल में होगा या फिर प्रोटोकॉल के तहत उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा। इसके बाद सरकार उसके संपर्क में आए लोगों की तलाश करेगी। अगर टेस्ट नेगेटिव आता है तो व्यक्ति को होम-क्वारंटीन किया जाएगा या फिर पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।

5. Rapid test के परिणाम के क्या मायने होते हैं
जिस व्यक्ति का पहले टेस्ट न हुआ हो या वो खुद से ठीक हो गया हो, उसकी पहचान भी इस एंटीबॉडी टेस्ट से की जा सकती है। इससे सरकार को पता चलेगा कि जनसंख्या का कितना बड़ा हिंसा संक्रमित है या था।

6. Rapid test देश में किन इलाकों में होगा?
इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च ने बताया कि इस टेस्ट का हर क्षेत्र में इस्तेमाल का फायदा नहीं है। इसे केवल हॉटस्पॉट इलाकों, उन इलाकों के संपर्क में आए लोगों और इनक्यूबेशन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

7. Rapid test क्या सब लोग करा सकते हैं जांच
बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा था कि अभी किट की कुछ कमी है। आम जन इस रैपिड टेस्ट की मांग न करें। इसका इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए नहीं बल्कि महामारी के प्रसार का पता लगाने के लिए किया जाएगा।

8. Rapid test से क्या इससे बीमारी की पहचान होती है?
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट बीमारी की पहचान के लिए नहीं होता। यह टेस्ट सिर्फ ऐसे लोगों की पहचान के लिए है जिनमें लक्षण दिख रहे हों। एंटीबॉडी टेस्ट नेगेटिव आने का यह मतलब नहीं कि व्यक्ति को बीमारी या संक्रमण नहीं है।

9. Rapid test इसकी जरूरत क्यों ? 
अभी तक टेस्ट करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता था। इसमें गले या नाक से एक स्वैब के जरिए सैंपल लिया जाता है। ये टेस्ट महंगे होते हैं और समय भी काफी लेते हैं। वहीं, रैपिड टेस्ट की कीमत कम है और परिणाम भी जल्दी मिलता है।

10. अब तक कौन सा टेस्ट हो रहा था?
अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्ट किया जाता है, जिसमें रूई के फाहे की मदद से मुंह के रास्ते से श्वास नली के निचले हिस्सा में मौजूद तरल पदार्थ का नमूना लिया जाता है। लॉकडाउन के दौरान एंटीबॉडी टेस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि इसका इस्तेमाल उनलोगों की पहचान के लिए किया जा रहा है, जिनमें कोरोना का खतरा है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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