इस्लामाबाद : पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं और उससे निपटने की चुनौती भी कठिन हो गई है। इसकी वजह पाकिस्तान की चरमराई इकॉनमी है। दिवालियेपन की कगार पर खड़ी इमरान सरकार रोजमर्रा की जरूरत के लिए पहले से ही मित्र देशों और आईएमएफ के सामने हाथ फैला रहा था, तो अब कोरोना ने उसकी कमर तोड़ दी है।पहले पाकिस्तान शेखी बघार रहा था कि कोरोना को उसने कंट्रोल कर लिया है लेकिन जब हालात बिगड़ने लगे तो इसने वर्ल्ड बैंक की शरण ले ली और 20 करोड़ डॉलर कर्ज की मांग कर रहा है ताकि कोरोना से लड़ने में संसाधन खड़े किए जा सकें।
हमारे पास नहीं संसाधन मदद करे वर्ल्ड बैंक
पाकिस्तान के स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत खराब है। मास्क हो या कोरोना जांचने के किट हर चीज की कमी है। हालात यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रणनीति का पलान नहीं कर पा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से कहा है कि वे अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जांच कराएं, लेकिन यह पाक के लिए संभव नहीं हैं। उधर, वर्ल्ड बैंक से मदद की गुहार लगाते हुए पाकिस्तान का कहना है कि उनके यहां मौजूद 270 सार्वजनिक अस्पताल और लैब घातक कोरोना केे संक्रमण को रोकने में नाकाफी हैं। पाक मीडिया के मुताबिक, वहां कोरोना के अब तक 247 मामले सामने आ चुके हैं। 181 सिंध, 26 पंजाब, इस्लामाबाद में 2, बलूचिस्तान में 16 और खैबर पख्तून ख्वाह में 17 मामले हैं। वहीं, पाक अधिकृत कश्मीर में अब तक 5 मामले सामने आए हैं।
वर्ल्ड बैंक-पाक में कर्ज पर जारी है बातचीत
योजना आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में कोविड-19 से लड़ने की तैयारी में तेजी के लिए क्षमता विस्तार को मंजूरी दी गई। मंजूरी के दस्तावेज के के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि वर्ल्ड बैंक से उन्हें कम से कम 14 करोड़ डॉलर मिलेंगे, हालांकि यह 20 करोड़ डॉलर का कर्ज चाहता है। विश्व बैंक की स्थानीय प्रवक्ता मरियम अल्ताफ ने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार और विश्व बैंक 10 से 20 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता पर चर्चा कर रहे हैं ताकि कोरोना के संकट से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।’ उधर,नैशनल डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट फंड अपने मौजूदा संसाधन से सरकार को 5 करोड़ डॉलर की मदद देगा, जिससे पूरा पैकेज 25 करोड़ डॉलर हो जाएगा।
इमरान पहले खड़े कर चुके हैं हाथ
पीएम इमरान खान ने मंगलवार को कहा था कि अगर कोरोना तेजी से फैलता है तो पाकिस्तान के पास इससे लड़ने के संसाधन मौजूद नहीं हैं। तैयारी की बात करें तो पंजाब सरकार का हाल सबसे बुरा है, लेकिन सिंध ने अच्छी तैयारी की है। दुनियाभर के देश जहां कोरोना से निपटने में लगी है तो पाकिस्तान अभी पैसे ही जुटा रहा है। पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान के पास करंसी रिजर्व 8 अरब डॉलर से भी कम था, जो कि उसके कुछ महीनों के आयात के लिए ही काफी है। आर्थिक मदद की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय मुद्दा कोष ने जुलाई 2019 में ही 6 अरब डॉलर का कर्ज मंजूरी किया था। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष में मित्र देशों चीन, सऊदी अरब और यूएई से उसे अरबों डॉलर की मदद मिली है।