देशभर में कोरोनावायरस का कहर कुछ इस कदर जारी है कि इसके डर से लगभग सब कुछ बंद कर दिया गया है. देश के कई राज्यों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. लेकिन अब दिल्ली से एक बड़ी खबर आई है. यहां के एम्स ने सोमवार से ओपीडी को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है. एम्स राजधानी का एक ऐसा अस्पताल है जहां हजारों की संख्या में लोग इलाज कराने पहुंचते हैं.
एम्स अस्पताल की तमाम ओपीडी सेवाओं को बंद रखने का यह निर्णय फिलहाल अस्थायी तौर पर लिया गया है. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति सावधानी बरतते हुए यह कदम उठाया गया है.
हजारों की संख्या में ओपीडी के रोगियों के यहां पहुंचने से लोगों में दूसरे से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा है. इसके अलावा संकट के इस दौर में संस्थान अपने संसाधनों का उपयोग कोविड-19 के प्रकोप की रोकथाम के लिए करना चाहता है.
AIIMS की OPD सेवा अगले आदेश तक बंद
एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा ने एक सर्कुलर जारी करके कहा, “यह फैसला लिया गया है कि एम्स अस्पताल की सभी सुविधाएं विशेष क्लीनिक समेत नियमित ओपीडी के मरीजों का पंजीकरण 23 मार्च से अगले आदेश तक अस्थायी तौर पर बंद रखा जाएगा.”
इससे पहले एम्स ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी करके 21 मार्च से सभी कोई सर्जरी कार्यक्रम को रोकने की जानकारी साझा की. एम्स में अब फिलहाल केवल आपातकालीन जीवन रक्षक सर्जरी ही की जा रही हैं. अस्पताल ने इस बाबत संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं.
बता दें कि दिल्ली के एम्स में इलाज करवाने के लिए कई बाहरी राज्यों से लोग आते हैं. कोरोना के चलते पहली बार देखा गया है कि एम्स जैसे बड़े हॉस्पिटल ने अपनी सेवाएं बंद की हैं. इससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.
कोरोना पर केंद्र सरकार सख्त
कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को पर्याप्त संख्या में वेटिलेंटर और उच्च प्रवाह वाले ऑक्सीजन मास्क की व्यवस्था करने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देशभर के बड़े अस्पतालों को अस्पताल परिसर में भीड़ एकत्र नहीं होने देने का परामर्श भी जारी कर चुका है.
गौरतलब है कि दिल्ली और केंद्र सरकार ने दिल्ली के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए विशेष बेड और वार्ड बनाने के आदेश दिए हैं. दिल्ली सरकार ने इसके लिए 19 सरकारी और 6 प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित किया है. राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में कोरोना वायरस का उपचार चल रहा है.