डेस्क।यूपी में उभरे असंतोष के सुरों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री आवास पर पीएम के साथ मीटिंग को खत्म करके योगी, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात करने के लिए रवाना हो चुके हैं.
भारत सूत्रों ने बताया कि पीएम और योगी की मीटिंग करीब 70 मिनट चली.पीएम से मुलाकात के बाद सीएम योगी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु पीएम का हृदय से आभार.’गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में योगी के खिलाफ असहमति के सुर उभरे हैं और कोरोना महामारी से निपटने के यूपी सरकार के प्रबंधन को लेकर भी सवाल उठे थे.
योगी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की, यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली थी. ऐसे समय जब यूपी में विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय शेष है, बीजेपी का पूरा ध्यान पार्टी में बढ़ रहे मतभेदों को दूर करने पर केंद्रित है.
सूत्रों ने साफ किया है कि पार्टी सीएम योगी आदित्यनाथ को बदलने पर विचार नहीं कर रही लेकिन कुछ अन्य बदलाव किए जा सकते हैं. वरिष्ठ नेता बीके संतोष के नेतृत्व वाली टीम की ओर ये करीब एक सप्ताह पहले यूपी में सरकार को लेकर फीडबैक लिए जाने के बाद आज की बैठक हो रही है.
इस टीम ने मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और सीएम के साथ समीक्षा बैठक की थी. बीजेपी के वैचारिक मागर्दर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दत्तात्रेय होसबोले अपनी यात्रा के दौरान कैडर में कथित तौर पर असंतोष के भाव महसूस करने बाद फीडबैक सेशन की सिफारिश की थी. सूत्र बताते हैं कि सभी रिपोर्टों में यह बात प्रमुखता से कही गई कि योगी सभी को साथ लेकर नहीं चल पा रहे हैं. रिपोर्ट में गैर ठाकुरों (सीएम योगी इसी ठाकुर जाति से हैं) विशेषकर ब्राह्मणों के बीच असंतोष के बारे में भी जिक्र है.
भगवा वस्त्र धारण करने वाले सीएम योगी को पार्टी सांसदों और विधायकों के लिए ‘पहुंच से दूर’ बताया गया है. यह भी कहा जा रहा है कि यूपी जब कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा था तब तो यह असंतोष, गहरी नाराजगी में बदल गया.
यूपी में फेरबदल में हाल ही में बीजेपी ने एंट्री करने वाले जितिन प्रसाद को अहम भूमिका मिल सकती है. 47 साल के जितिन की पहचान यूपी में कांग्रेस के शीर्ष ब्राह्मण चेहरे के तौर पर थे और राज्य में इस समाज के करीब 13 फीसदी वोट हैं.
जितिन ने बुधवार को हो कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी के साथ नाता जोड़ा है. सूत्रों के अनुसार, पूर्व नौकरशाह और पीएम मोदी के करीबी माने जाने एके शर्मा को भी यूपी सरकार में अहम रोल दिया जा सकता है.