नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने चीन को साफ शब्दों में कहा है कि उसे सीमा पर तनाव घटाने और सैनिकों की पूरी तरह वापसी के लिए भारत के साथ गंभीरता से काम करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार ने चीनी फर्म झेनहुआ डाटा द्वारा राजनेताओं समेत कई भारतीय नागरिकों की जासूसी के मामले को भी काफी गंभीरता से लिया है। हमने चीन के सामने इस मामले को उठाया था।
श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने बताया कि चीनी पक्ष का कहना है कि झेनहुआ डाटा एक निजी कंपनी है और चीन सरकार का उससे कोई भी संबंध नहीं है। वैसे सरकार ने इस जासूसी मामले (Zhenhua data leak) की जांच के लिए नेशनल साइबर सिक्योरिटी को-ऑर्डिनेटर (National Cyber Security Coordinator) की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की है जो 30 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
अनुराग श्रीवास्तव ने भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान को एकबार फिर कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले (Kulbhushan Jhadav Case) में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) के फैसले के मुख्य मुद्दे को लागू करने में विफल रहा है। मूल मुद्दों को संबोधित करने के लिए जाधव को प्रासंगिक दस्तावेजों और अप्रभावित कांसुलर एक्सेस मुहैया कराना शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हमारा फिलिस्तीन (Palestinian cause) को पारंपरिक समर्थन है। हम दो राज्य समाधान की स्वीकार्यता के लिए वार्ता बहाली की उम्मीद करते हैं। हम इज़राइल, यूएई, बहरीन और अमेरिका के बीच अब्राहम अकॉर्ड के साथ हैं। भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन किया है। हम संबंधों की बहाली के लिए इन समझौतों का स्वागत करते हैं।