Blinkit Strike: नयी दिल्ली – ग्रोसरी डिलीवरी कंपनी ब्लिंकिट के डिलिवरी सेवा कर्मचारी (दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के) कंपनी के वेतन ढांचे के खिलाफ बृहस्पतिवार को हड़ताल पर चले गये।
कर्मचारी चाहते हैं कि नई वेतन संरचना को तत्काल रद्द किया जाए, और अनुरोध किया जाता है कि वेतन संरचना में कोई भी बदलाव श्रमिकों के साथ सक्रिय परामर्श से किया जाना चाहिए।
इस बीच ब्लिंकिट मजदूरों की हड़ताल के समर्थन में ऐप वर्कर्स यूनियन उतर आया है। ऐप वर्कर्स यूनियन, दिल्ली-एनसीआर (AWU) के एक बयान में आरोप लगाया गया है कि जिन श्रमिकों को ब्लिंकिट द्वारा ‘डिलीवरी पार्टनर’ कहा जाता है, उन्हें 10 मिनट के भीतर किराने के पार्सल वितरित करने के लिए शोषणकारी परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।
इसने आरोप लगाया कि कंपनी देश के श्रम कानूनों के अनुसार काम की अच्छी स्थिति सुनिश्चित नहीं करती है।
AWU के बयान में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने शुरू में रुपये का भुगतान किया था।
श्रमिकों को 50 रुपये प्रति डिलीवरी, जिसे बाद में मनमाने ढंग से घटाकर रुपये कर दिया गया। 25 प्रति डिलीवरी।हालांकि, पिछले सोमवार से नए वेतन ढांचे के तहत कर्मचारियों को सिर्फ 100 रुपए का ही भुगतान किया जा रहा है। 15 प्रति डिलीवरी इसके अलावा, निश्चित समय स्लॉट में, प्रति-डिलीवरी राशि रुपये से भी कम होगी।
ऐप वर्कर्स यूनियन (AWU) ने ब्लिंकिट के नए वेतन ढांचे की निंदा की और मांग की कि नए वेतन ढांचे को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। AWU ने यह भी मांग की कि ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।