Bhaidooj 2020: भाई दूज पर ऐसे करें पूजा? जानें क्या है शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

SHUBHAM SHARMA
By
SHUBHAM SHARMA
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
4 Min Read

नई दिल्ली: हिंदू पंचाग के अनुसार भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व रक्षाबंधन की तरह ही मनाया जाता है. इसमें बहनें अपने भाई की सलामती के लिए तिलक लगाकर उनकी सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना करती हैं. इस साल भाई दूज आज यानि 16 नवंबर को मनाया जाएगा.

भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. भाई दूज का त्योहार दीपावली के दो दिन बाद गोवर्धन पूजा के ठीक अगले दिन मनाया जाता है. इस पर्व के साथ ही पांच दिन के दीपोत्सव का समापन हो जाता है. आइये जानते हैं कि भाई और बहन के प्रेम और स्नेह का त्योहार क्यों मनाया जाता है? क्या है इसके पीछे की मान्यता?

क्यों मनाया जाता है भाई दूज?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया की दो संताने थीं, यमराज और यमुना. दोनों में बहुत प्रेम था. बहन यमुना हमेशा चाहती थी कि भाई यमराज उनके घर भोजन करने आया करें. लेकिन यमराज उनकी विनती को टाल देते थे. एक बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर यमराज उनके घर पहुंचे. यमुना अपने घर के दरवाजे पर भाई यमराज को देखकर बहुत खुश हुईं. इसके बाद यमुना ने मन से भाई यमराज को भोजन करवाया. बहन का स्नेह देखकर यमदेव ने उनसे वरदान मांगने को कहा.

इसपर उन्होंने वरदान के रूप में यमराज से यह वचन मांगा कि वो हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भोजन करने आएं. साथ ही मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई का आदर-सत्कार के साथ टीका करें, उनमें यमराज का भय न हो. तब यमराज ने बहन को यह वरदान देते हुआ कहा कि आगे से ऐसा ही होगा. तब से यही परंपरा चली आ रही है. इसलिए भैयादूज वाले दिन यमराज और यमुना का पूजन किया जाता है.
शुभ मुहूर्त
भैया दूज पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:10 बजे से 03:18 बजे तक है.

 

ऐसे करें भाई दूज की पूजा
भाई दूज के दिन बहनें आटे का चौक तैयार कर लें. व्रत रखने वाली बहनें पहले सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत शुरू करें. शुभ मुहूर्त आने पर भाई को चौक पर बिठाएं और उसके हाथों की पूजा करें. सबसे पहले भाई की हथेली में सिंदूर और चावल का लेप लगाएं फिर उममें पान, सुपारी और फूल इत्यादि रखें. उसके बाद हाथ पर कलावा बांधकर जल डालते हुए भाई की लंबी उम्र के लिए मंत्रजाप करें. भाई का मुंह मीठा कराएं और खुद भी करें.

पूजा सामग्री
कुमकुम, पान, सुपारी, फूल, कलावा, मिठाई, सूखा नारियल और अक्षत आदि.

तिलक का महत्व
प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है कि भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि के लिए तिलक लगाती हैं. कहते हैं कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन जो बहन अपने भाई के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाती हैं उनके भाई को सभी सुखों की प्राप्ति होती है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाकर उससे तिलक करवाता है और भोजन करता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है.

Share This Article
Follow:
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *