Arnab Goswami : ‘I resign from the Editors Guild of India for its absolute compromise on editorial ethics, for being an organisation that is only operating in self-interest.’
रिपब्लिक टीवी के फाउंडिंग मेंबर अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने लाइव टीवी पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से अपना इस्तीफा दे दिया. गोस्वामी ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान फेक न्यूज के खिलाफ नहीं बोलने के लिए वेटरन जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता पर भी निशाना साधा, जो एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष हैं. अर्नब गोस्वामी ने लाइव शो में कहा, “शेखर गुप्ता, आप पहले मुझसे सुनिए. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की जो भी विश्वसनीयता बची है, वो फेक न्यूज पर अपनी अपमानजनक चुप्पी से बर्बाद हो गई है. ये एक स्वयं सेवी संस्था रही है.”
अर्नब गोस्वामी ने फिर पैनल में शामिल बाकी लोगों को थोड़ी देर रोकने के बाद कहा:
“मैं लंबे समय से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का सदस्य रहा हूं और मैं, लाइव टीवी पर, एडिटोरियल एथिक्स पर इसके समझौते, केवल व्यक्तिगत हितों के लिए काम के लिए एक संगठन होने के लिए, इससे इस्तीफा दे रहा हूं. शेखर गुप्ता, मैं आप पर आरोप लगाता हूं कि आपने इस तरह की घटनाओं पर बात न कर के पत्रकारिता पर समझौता किया है.”
गुप्ता को चैलेंज करते हुए अर्नब गोस्वामी ने कहा, “जिस दिन शेखर गुप्ता COVID-19 के दौरान फर्जी खबरों के खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखाएंगे, उसके बाद गिल्ड का कुछ मूल्य होगा.”
टीवी पर कुछ पैनलिस्टों को सहमत और यहां तक कि तारीफ करते देखा गया.
अर्नब गोस्वामी 16 अप्रैल को हुई एक घटना को लेकर चर्चा कर रहे थे, जिसमें महाराष्ट्र के पालघर जिले में ग्रामीणों ने चोरी के शक में तीन लोगों को उनकी कार से घसीटकर उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. पीड़ितों में दो हिंदू साधु और एक ड्राइवर बताए जा रहे हैं.
गोस्वामी ने बॉलीवुड सितारों पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर पीड़ित गैर-हिंदू होते तो क्या वो इसी तरह चुप रहते.
अर्नब गोस्वामी, फाउंडिंग मेंबर, रिपब्लिक टीवी
“मुझे अपने दर्शकों से पूछना चाहिए. अगर ये बीजेपी द्वारा चलाए जा रहे राज्य में हुआ था और जिन लोगों की लिंचिंग की गई है, अगर वो हिंदुओं की बजाय, किसी अल्पसंख्यक समुदाय से होते, तो नसीरुद्दीन शाह, अपर्णा सेन और अनुराग कश्यप और वो पूरी अवार्ड वापसी गैंग, क्या वो आज गुस्से में वहीं होते?”